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दस मिनट में करे डायबिटीज पर कंट्रोल…

मधुमेह एक जटिल रोग है। इसे शुगर भी कहा जाता है। इस रोग के बारे में चरक और शुश्रुत ने भी 3 हजार साल पहले अपने ग्रंथों में इसका विवरण किया है। आज भी इस रोग के सफल इलाज के लिए शोध चल रहा है। मधुमेह जानलेवा मीठा जहर है। जो एक बार किसी व्यक्ति को हो जाये तो जिंदगी भर इस रोग को झेलना पड़ता है। आजकल यह रोग वृद्धों के साथ-साथ युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। भारत में डायबिटीज यानि कि मधुमेह की समस्या बढ़ती जा रही है। अब तक चार करोड़ से भी अधिक भारतीय डायबिटीज के शिकार हो चुके हैं। और यह रोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, सही जानकारी ही इसका कारगर इलाज है।

डायबिटीज के मुख्य कारण:- खान-पान पर ध्यान न देने की वजह से। पाश्चात्य जीवनशैली को अपनाना। यह रोग बैठकर काम करने वाले लोगों को भी हो सकता है। मिठाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना। अधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन करने से। अनुवांशिक प्रभाव से भी यह रोग हो सकता है। चिंता और मानसिक रोग से भी मधुमेह हो सकता है।

डायबिटीज के लक्षण:- इस रोग में रोगी को भूख-प्यास ज्यादा लगती रहती है। थोड़ी सी मेहनत करने में शरीर का थक जाना। बार-बार मूत्र जाने की शिकायत होना। ब्लडप्रेशर का बढ़ना। शरीर की त्वचा का रूखा होना और फिर खुजलाहट का बढ़ना, स्त्रियों में योनि में खुजलाहट होना और पुरूषों में लिंग में खुजलाहट का होना। आंखों से धुंधला दिखना। इस रोग के रोगी के घाव आसानी से नहीं भरते। शरीर में सूजन आना। डायबिटीज के रोगियों के लिए जरूरी है कि वे अपने आहार का समय निर्धारित करें। यदि आप समय पर आहार लेगें तो मधुमेह रोग समय से पहले ठीक हो जाएगा। आइये जानते हैं किस समय पर क्या लेना चाहिए।

डायबिटीज के मरीजों के लिए आहार तालिका सुबह 6 बजे सुबह के 6 बजे के समय में आप मैथीदाने के पाउडर, कम से कम आधी चम्मच को पानी के साथ मिलाकर सेवन करे। सुबह सात बजे सात बजे आप एक कप चाय बिना चीनी वाली और दो बिस्किट खाएं। सुबह के 8 बजे दलिया आधी कटोरी अंकुरित अनाज। एक प्लेट उपमा बिना चीनी का दूध पी सकते हैं। सुबह के 10 बजे दस बजे सुबह आप एक कप पतली छाछ पी सकते हैं। या नींबू का पानी भी लें सकते हैं। इसके अलावा आप फलों का भी सेवन कर सकते हो। दिन के 12.30 बजे इस समय में आप पनीर की सब्जी सादी दाल मिश्रित आटे की रोटी कम से कम दो। बिना मलाई वाली दही।

सोयाबीन की सब्जी हरी पत्तेदार सब्जी और सलाद। आदि का सेवन करें। दिन के चार बजे एक या दो टोस्ट बिना चीनी वाली चाय का सेवन करें। शाम के 6 बजे शाम को आप एक कप सूप पी सकते हैं। सूप किसी भी चीज का हो सकता है। रात को 9 बजे रात को 9 बजे आपको डिनर लेना है। आप बिलकुल वैसा ही खाना खाएं जैसा आपने दिन में खाया है। इस तरह का भोजन रात के खाने के समय में भी करें। वजन कम करने के उपाय रात को सोने से पहले आप बिना मलाई वाला दूध पीएं।

मधुमेह की बीमारी से बचने का सबसे पहला नियम है उपने खान-पान पर ध्यान देना, घूमना, व्यायाम करना अति जरूरी है। 15 से 20 बेलपत्र चबाने से मधुमेह नियंत्रित होता है। मेथी के दानों को स्टील के बर्तन में भिगोकर रखें और इसका सेवन दिन में 2 से 3 बार करने से शुगर में लाभ मिलता है। प्रतिदिन कम से कम 2 किलोमीटर तक चलें। खाने में जौ और चने का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें। करेले का जूस नियमित रूप से लें। 1 चम्मच आंवले के जूस को 1 चम्मच करेले के जूस में मिला लें और दिन में 2 बार इसका सेवन करें एैसा करने से शुगर नियंत्रित रहता है। मीठे फलों जैसे आम, अंगूर और अनानास आदि से दूर रहें।

मीठा, खट्टा, ताजा अनाज, चावल, आलू, तेल और मसालेदार भोजन आदि से बचें। प्याज, लहसुन, कच्चा केला और काले बेर का प्रयोग अधिक से अधिक करें। मेथी, तोरई, लौकी, मूली, टमाटर, गाजर, पुदीना, अदरक आदि का सेवन करना भी मधुमेह में लाभदायक है। जामुन की गुठली को चूसें और हो सके तो चबा भी सकते हो। गाय की घी, हींग, जीरा, धनिया, सोंठ, सेंधा नमक आदि का सेवन करना भी मधुमेह को कम करने में लाभदायक है। डायबिटीज के रोग से राहत पाने के लिए रात को 5 से 7 भिंडियों को काटकर किसी चीनी मिट्टी या कांच के बर्तन में डालकर गला दें। और सुबह इस पानी को अच्छे से छानकर पी लें।

ग्रीन टी एंटी-आक्सीडेंट से भरपूर होती है साथ ही इसमें पालीफिनोल्स होता है। जो डायबिटीज के रोग में फायदा देती है। गेहूं के छोटे पौधों का रस निकालकर पीने से मधुमेह नियंत्रण में आ जाता है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को भूख से कम भोजन करना चाहिए। जितना हो सकें खीरे में नींबू डालकर सोएं। मधुमेह से ग्रसित इंसान को एलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज से बचने के लिए वैदिक चिकित्सा में भी उपाय दिए गए हैं। शरीर से सक्रिया रहें…. डायबिटीज से बचने के लिए आपको अपने आपको शारीरिक रूप से सक्रिय रखने की जरूरत है। जितना अपने आप को काम में व्यस्त रखोगे उतना ही आप डायबिटीज से दूर रहोगे।

तनाव लेने से बचें डायबिटीज की मुख्य वजह है तनाव। तनाव से बचने के लिए ध्यान, प्राणायाम और योग करें। मधुमेह खत्म करने वाला चूर्ण काली जीरी, तेज पत्र, गिलोय, जामुन की गुठली, बिल्व पत्र, चिरायता, बहेड़ा और आंवले को एक उनुपात में कूट पीसकर चूर्ण बनाया जाता है जिससे डायबिटीज रोग पूरी तरह से ठीक हा सकता है। जामुन की गुठली डायबिटीज की बीमारी को जामुन आसानी से खत्म कर देता है। इसलिए जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर पानी के साथ सुबह और शाम खाली पेट इसका सेवन करें। मधुमेह के रोगियों को कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए खाना खाने के बाद एकदम से पानी ना पीएं।

खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से कब्ज और गैस की समस्या बनती है और फिर इस कारण शरीर में इंसुलिन बढ़ने लगता है।यदि आप थोड़ी देर बाद पानी पीते हैं तो इससे आपका पाचन ठीक होगा और शरीर में अन्य बीमारियां भी नहीं लगेगीं। खाना बारीक एंव चबा-चबा कर खाएं। जिससे खाना लार और थूक के मिलने से पेट में आसानी से जा सके। एैसा करने से एक तो शरीर में उर्जा अधिक आती है दूसरा शरीर को खाना पचाने के लिए ज्यादा इंसुलिन की जरूरत नहीं होती है।डायबिटीज के रोगियों को खाना चलते फिरते या खड़े होकर नहीं खाना चाहिए। खाना खाते समय शांत रहें। जब खाना खाते समय डायबिटीज का रोगी बोतला रहता है तब मुंह में लार कम बन पाती है। और शरीर को ज्यादा इंसुलिन की जरूरत पड़ती है। भूख से कम ही खाना खाएं। इन वैदिक उपायों को करने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी है अपने आप पर नियंत्रण रखना और साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाना।