संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महान सूफी संत कबीर साहेब की साधना की साक्षी आमी नदी को प्रदेश की दस संरक्षित की जाने वाली नदियों में शामिल कर लिया है। पूर्वांचल की यह मात्र एक नदी है जिसे सरकार ने संरक्षित करने के प्रति गंभीरता दिखाई है।
संतकबीरनगर से लोकसभा सदस्य शरद त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नमामि गंगे जैसी परियोजना के तहत आमी नदी का कायाकल्प करने की तत्परता दिखाई है। कबीर की अमिया के नाम से आमी नदी को संरक्षित नदियों की फेहरिस्त मेे शामिल कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आमी नदी वर्तमान में अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही है। कबीर निर्वाणस्थली मगहर से होकर गुजरने वाली आमी में जहां भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा और खतरनाक केमिकलयुक्त द्रव्य प्रवाहित होता है वहीं कस्बा मगहर सहित इसके तट पर बसे कस्बों व गांवों के सीवर भी प्रवाहित होता है जिससे आमी का पानी बुरी तरह प्रदूषित हो गया है और एक जहरीले नाले में तब्दील हो कर रह गई है।
जानवर भी इस नदी का पानी नहीं पीते हैं और न ही सिंचाई के लिए भी इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित कार्यक्रम के मद्देनजर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत दिवस मगहर पहुंच कर तैयारियों का जायजा लेते हुए आमी की दुर्दशा देखी थी और औद्योगिक कचरा के साथ ही सीवर का प्रवाह बंद करने तथा कचरा प्रबंधन के कड़े निर्देश दिया था। इसी क्रम में आमी को दस संरक्षित नदियों में शामिल किया गया है।