सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का फतवा जारी करने संबंधी खबरों को सिरे से नकारते हुये विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद ने कहा है कि ऐसी निराधार खबरें प्रसारित करने वाले खबरिया चैनलों के खिलाफ संस्था कानूनी कार्रवाई करेगी।
भारतीय जनता पार्टी और समूचे विपक्ष के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना संसदीय क्षेत्र में 28 मई को वोट डाले जायेंगे। संस्था के वाईस चांसलर मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने आज बयान जारी कर कहा कि दारूल उलूम राजनीतिक गतिविधियों में ना तो भाग लेता है और ना ही किसी दल या उम्मीदवार का समर्थन या विरोध करता है। दारूल उलूम की यह हमेशा से परंपरा रही है कि वह केवल खुद को शिक्षा कार्यों तक ही सीमित रखे।
उन्होने कहा कि दारूल उलूम के चांसलर मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने दारूल उलूम के शिक्षकों और पदाधिकारियों पर रोक लगाई हुई है कि वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगे और किसी भी राजनीतिक सभा और जलसे को भी संबोधित नहीं करेंगे। हर चुनाव के मौके पर दारूल उलूम संस्था में राजनीतिक दलों के लोगों की आवाजाही पर पाबंदी रहती है।