दालों को छोड़, सभी जैविक कृषि उत्पादों से निर्यात की सीमा हटी

नयी दिल्ली, सरकार ने सभी जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात पर लगी मात्रात्मक सीमा हटा दी है और अब इन उत्पादों तथा प्रसंस्कृत जैविक कृषि उत्पादों का निर्बाध निर्यात किया जा सकेगा। हालाँकि देश में दालों की कमी को देखते हुये इन पर से सीमा पूरी तरह हटाने की बजाय बढ़ा दी गयी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की आज यहाँ हुई बैठक में ये फैसले लिये गये। साथ ही यह भी तय किया गया कि इन उत्पादों के अजैविक रूपों पर मौजूदा या भविष्य में लगायी जाने वाली सीमाओं प्तिरबंधों के बावजूद जैविक उत्पाद के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। जैविक दालों और मसूर के निर्यात की सीमा 10 हजार टन से बढ़ाकर 50 हजार टन प्रतिवर्ष की गयी है।
सरकार का कहना है कि इन उत्पादों के निर्यात पर से सीमा हटा लेने और दालों के निर्यात की सीमा बढ़ाने से किसानों की आय दुगुनी करने के उसके लक्ष्य में मदद मिलेगी। इससे खेती की लागत में कमी आयेगी और किसानों को जैविक उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही भविष्य में भी जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रतिबंधित नहीं करने के फैसले से निर्यातकों को लंबी अवधि के सौदे करने में अासानी होगी। इससे सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों जैसे राष्ट्रीय सतत कृषि मिशनए परंपरागत कृषि विकास योजना आदि को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार देश और विदेशों में जैविक कृषि उत्पादों की खपत की अपार संभावना का लाभ उठाने के लिए किसानों और निर्यातकों को मदद दे रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button