अभी तक यही माना जाता रहा है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल और सांस की बीमारियां होती हैं। लेकिन एक नये शोध में सामने आया है कि वायु प्रदूषण दिमाग के लिए भी बेहद घातक साबित हो सकता है। दिमाग के टिशू में वायु प्रदूषण के कण पहुंचने के कारण अल्जाइमर जैसी बीमारी हो सकती है। शोधकर्ता दल की सदस्य प्रोफेसर बारबरा माहेर के मुताबिक उन्हें दिमाग के सैंपल में वायु प्रदूषकों के लाखों कण मिले हैं। इससे दिमाग के क्षतिग्रस्त होने की प्रबल संभावना है। शोध से पता चला कि ये कण दिमाग में पहुंचने वाली आवाजों और संकेतों को रोक सकते हैं, जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारी हो सकती है। सांस के जरिये शरीर में पहुंचने वाले प्रदूषण के कणों का बड़ा भाग तो श्वास की नली में जाता है, लेकिन इसका एक छोटा हिस्सा स्नायु तंत्र से होते हुए दिमाग में भी पहुंचता है।
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाती है। यह बीमारी गुपचुप तरीके से दिमाग पर असर दिखाती है। करीब एक दशक के बाद इसके शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। वहीं, इस शोध से अलग वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार हर 10 में से एक व्यक्ति की मौत प्रदूषित हवा से हो रही है। वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या धूम्रपान से होने वाली मौतों के लगभग बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से एक साल में दुनिया में पांच ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है।