नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक स्तर (नीट-यूजी) की 17 जुलाई को होने वाली वर्ष 2022 की परीक्षा को स्थगित संबंधी याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने याचिका खारिज करने के बाद कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है। न्यायमूर्ति नरुला ने कहा, “ यदि विद्यार्थियों के अलावा कोई और याचिकाकर्ता होता तो अदालत याचिका खारिज करने के साथ-साथ उस पर भारी जुर्माना लगाती। ”
विद्यार्थियों पर काफी दबाव होने की अधिवक्ता की दलील पर अदालत ने कहा कि पढ़ाई से ही दबाव से निपटा जा सकता है। अदालत ने अधिवक्ता से कहा, “ अपने मुवक्किलों से और अधिक अध्ययन करने के लिए कहें। मैं उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं। ”
उत्तर प्रदेश, केरल, असम, झारखंड, तेलंगाना, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र से 15 छात्रों ने नीट-यूजी 2022, जेईई 2022 और सीयूईअी 2022 की परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए याचिका दायर की गयी थी। याचिका में सीयूईटी, एनईईटी और जेईई की तैयारी के लिए कम समय मिलने और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आने का हवाला दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि बोर्ड परीक्षा जून 2022 के मध्य में समाप्त हो गयी और छात्रों को तीन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया है।
अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की वास्तविक और वैध शिकायतों के बारे में जागरुक होने के बावजूद प्रतिवादी एनईईटी-यूजी 2022 के पुनर्निर्धारण के संबंध में समय पर निर्णय लेने में विफल रहे हैं और 11 जुलाई तक छात्रों को प्रवेश पत्र जारी नहीं करके छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। इससे लाखों छात्रों को अपूरणीय क्षति का सामना करना पड़ेगा और उनके साथ अन्याय होगा।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत से प्रवेश परीक्षा के लिए तय की गयी तारीख पर परीक्षा न कराने और चार से छह सप्ताह के बाद इसे कराने के लिए तारीखें फिर निर्धारित करने का अनुरोध किया।