नई दिल्ली, कैब सेवा देने वाली कंपनी ओला, उबर के एक 1.5 लाख से अधिक ड्राइवर्स मंगलवार से एक बार फिर हड़ताल पर चले गए है। ड्राइवर्स का कहना है कि न तो उनकी शिकायत कैब कंपनियां सुन रही हैं और न ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल उनके लिए कुछ कर रहे हैं। इसी साल फरवरी में दोनों ऐप बेस्ड कैब के ड्राइवर्स ने लगभग दो हफ्ते का हड़ताल की था। दिल्ली-एनसीआर में दूसरी बार प्रोटेस्ट करते हुए इन कैब सर्विस के ड्राइवर हड़ताल पर हैं। यानी यहां की सड़कों पर कैब नहीं होगी और यात्री इस भरी गर्मी में परेशान हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर की करीब 1.5 लाख ऐप बेस्ड टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों ने 18 अप्रैल को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं ड्राइवर्स मजनु का टीला से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर तक प्रोटेस्ट मार्च भी निकालेंगे। एक अंग्रेजी अखबार को दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांस्पोर्टर्स एसोसिएशन के संजय सम्राट ने बताया कि ओला-उबर के ड्राइवर इसलिए परेशान हैं, क्योंकि वो कम पैसों पर उनके लिए बंधुआ मजदूर की तरह काम कर रहे हैं। हमने जैसा हमेशा मांग की है कि उनके कैब में भी सरकार द्वारा फिक्स किए गए रेट वाले मीटर लगाए जाएं। अब हमारी मांग एक है और हम साथ लड़ेंगे।
सर्वोदय ड्राइवर ऐसोसिएशन दिल्ली के प्रेसिडेंट कमलजीत गिल का कहना है कि फरवरी के प्रोटेस्ट के बाद भी कुछ नहीं बदला है ड्राइवर अभी भी हर दिन 16 से 18 घंटे तक कैब चला रहे हैं और उनका घर बमुश्किल ही चल रहा है यहां तक की कार की ईएमआई तक नहीं दे पा रहे हैं। रजिस्टर्ड टैक्सी के भाड़े सरकार द्वारा तय किए जाते हैं, लेकिन ओला और उबर अभी भी अपने रेट से लेवी वसूल कर रहे हैं। इस हड़ताल में न सिर्फ ओला उबर शामिल हुए हैं, बल्कि इस बार काली पीली टैक्सी भी प्रोटेस्ट में शामिल है। पिछली बार जब ओला-उबर के ड्राइवर्स ने हड़ताल किया था तब काली-पीली टैक्सी चल रही थी जिससे यात्रियों को थोड़ी राहत थी। लेकिन इस बार 13 ट्रांसपोर्ट यूनियन इस हड़ताल में शामिल है।