नयी दिल्ली, दिल्ली पुलिस के द्वारा गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेड हटाए जाने के बाद भी सड़क खुलने को लेकर प्रशासन और किसान संगठनों के बीच सहमति नहीं बन पाई है।
किसान एकता मंच ने ट्वीट कर कहा, “टिकरी बॉर्डर पर आधी रात को पुलिस द्वारा रास्ते खुलवाने संबंधित बिना बातचीत के कार्रवाई करने का प्रयास किया गया पर किसान एकजुट होकर तुरंत पहुंच गए। अभी हालात सामान्य है। किसानों ने रात में ही अपने मंच की दिनचर्या शुरू कर दी है। हर जोर जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है।’’
उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर भी हालत सामान्य है। सयुंक्त किसान मोर्चा के स्वयंसेवक कड़ा पहरा दे रहे है। किसान आंदोलन के समर्थक एवं शुभचिंतक आश्वस्त रहे। किसानों का मोर्चा मजबूत है। सरकार को अवरोधकों को हटाना पड़ा है। यह किसानों के सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांत की जीत है।’’
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी आंदोलन से पीछे नहीं हटने की मंशा को एक बार फिर ज़ाहिर कर दिया है। उन्होंने कहा हमारी लड़ाई तीन काले कानूनों के खिलाफ और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी कानून को लेकर है । जिन किसानों की फसल कहीं नहीं बिक रही है वह दिल्ली में फसल बेचने जाएंगे ।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “किसान खाद की लाइन में मर रहा है। धान बेचने के लिए दिन-रात दर-दर भटक रहा, आर्थिक बदहाली से परेशान किसान नौजवान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा! मोदी जी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी?’’
संयुक्त किसान मोर्चा के एक सदस्य दीप खत्री ने कहा आज कहा की प्रशासन के साथ बैठक में किसान नेताओं टिकरी बॉर्डर पर पाँच फुट सड़क खोलने को लेकर सहमति जताई थी लेकिन शुक्रवार देर रात अचानक पुलिस ने पूरी सड़क को खोलने की कोशिश की जिससे किसानों में नाराज़गी है। पूरी सड़क खुलने पर किसानों की सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ आज भी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि सड़क पूरा खोलने पर फ़िलहाल सहमति नहीं बन पाई है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 21 अक्टूबर को किसानों के आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसानों को आंदोलन करने का हक़ है लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल तक के लिए बंद करके नहीं रखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने हालाँकि शीर्ष अदालत में कहा था कि दिल्ली पुलिस ने ही यातायात बाधित कर रखा है।
किसान एकता मंच ने पुलिस के द्वारा बैरिकेड हटाने पर कल कहा था यह तस्वीर एवं खबर उन लोगों को गौर से देखनी चाहिए जो बार-बार यह कह रहे थे कि किसानों ने सड़कें जाम की है। कोरोना के समय किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया गया कि उनकी वजह से ऑक्सीजन और अन्य सेवाएं दिल्ली नहीं पहुंच रही। अब सच सबके सामने है कि दिल्ली पुलिस ने रास्ता बंद किया था।
ग़ौरतलब है कि तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग को लेकर किसान पिछले साल नवम्बर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।