नयी दिल्ली, हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पिछले 40 वर्षाें में सबसे अधिक आठ लाख से अधिक क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा में नदी तट के आस-पास के इलाकों में छह वर्षाें के बाद बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है तथा अगले 24 घंटे चिंताजनक रहेंगे।
इस बीच हिमाचल प्रदेश,पंजाब और उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ तथा भूस्खलन की घटनाआें में 42 लोगों की मौत के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 313 पहुंच गयी है जबकि 47 अन्य लापता हैं।
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे का समय लगेगा। इस प्रकार बुधवार की सुबह यमुना के जलस्तर के अपने अधिकतम स्तर तक पहुंचने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार रात आठ बजे तक यमुना का जलस्तर 205.50 मीटर था और आज यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जाने की उम्मीद है।
दिल्ली में बाढ़ के खतरे का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के साथ उत्पन्न होने वाली स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि जान-माल का नुकसान नहीं हो, इसके लिए हरसंभव उपाय किए जायें।
मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था जिससे जल स्तर 207.32 मीटर तक पहुंच गया था। श्री केजरीवाल ने कहा कि यमुना की तलहटी में बसें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने तलहटी में बसे लोगों से कहा कि वह घबरायें नहीं और सुरक्षित स्थानों पर चले जायें। प्रशासन ने लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके रहने के लिए बड़ी संख्या में तंबू का प्रबंध किया है। कुल 23860 लोगों को निकालना है। इनके लिए 2120 तंबुओं का प्रबंध किया गया है। पानी बुधवार तक पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली पहुंच सकता है।
प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की सहायता के लिए दो टेलीफोन नंबर 01122421656 और 011 21210849 भी जारी किए हैं।