नयी दिल्ली , केद्रीय रेशम बोर्ड के सहयोग से वस्त्र मंत्रालय कल दिल्ली में सर्जिंग सिल्क दृ अकाम्प्लिश्मेन्ट एंड वे फॉरवर्ड कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगीए जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन इरानी करेंगी।
कार्यक्रम में पिछले चार वर्षों के दौरान देश में रेशम उद्योग के विकास को मुख्य रूप से दिखाया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों की महिलों को बुनियाद तसर रेशम रिलिंग मशीनें वितरित की जाएंगी। इसका उद्देश्य थाई रिलिंग की वर्षों पुरानी व्यवस्था को समाप्त करना है। तसर रेशम के क्षेत्र में इस प्रथा को समाप्त करने तथा ग्रामीण व जनजातीय महिलाओं को उचित आय प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ के एक उद्यमी के सहयोग से केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिकी शोध संस्थान ने इस मशीन को विकसित किया है। इस विकसित मशीन का नाम बुनियाद रिलिंग मशीन है।
पारंपरिक तरीके का उपयोग करते हुए धागा तैयार करने वाली एक महिला प्रति दिन 125 रुपये कमाती है जबकि बुनियाद रिलिंग मशीन से वह 350 रुपये प्रति दिन कमा सकती है। बुनियाद रिलिंग मशीन की कीमत 8475 रुपये प्रति इकाई है। मार्चए 2019 तक थाई रिलिंग की प्रथा को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह मशीन सौर ऊर्जा तथा पैर से चलने वाले उपकरणों के साथ उपलब्ध है। मशीन उत्पादन के लिए निर्माताओं और इनके वितरण के लिए धागा तैयार करने वालों की पहचान कर ली गई है। कार्यक्रम के दौरान रेशम उद्योग के सफल व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार दिये जाएंगे। रेशम अपशिष्ट से मिलैंज फेब्रिक तैयार किया जाएगा। रेशम कीट.पालन क्षेत्र के गुणवत्ता.प्रमाण पत्र के लिए एक मोबाइल एप्प लांच किया जाएगा।