नयी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई को बड़ी कामयाबी मिली है. लेकिन कांग्रेस ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव की मतगणना में ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है। उसका दावा है कि जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर भी उसके प्रत्याशी अविनाश यादव की जीत हुई है।
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सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव मे, मतगणना के परिणाम के शुरुआत में एनएसयूआई को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा संयुक्त सचिव के पदों पर विजयी घोषित किया गया था लेकिन बाद में अंतिम परिणाम के समय में दो पदों सचिव तथा संयुक्त सचिव पर एबीवीपी के उम्मीदवारों के जीत की घोषणा हुई।
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परिणामों की घोषणा के बाद एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव पद पर दोबारा मतगणना करने की मांग की लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया। संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी के उमाशंकर को 16691, एनएसयूआई के अविनाश यादव को 16349 वोट मिले हैं।
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एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अमित शाह के व्यक्तिगत दखल के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों से छेड़छाड़ हुई। ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सचिव और एनएसयूआई के इंचार्ज गिरीश चोदंकर ने बताया कि एनएसयूआई को तीन सीटों पर जीत मिली। उसके खाते में अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद के अलावा जॉइंट सेक्रेटरी का पद भी आया। हालांकि अंत में इस पोस्ट पर एबीवीपी की जीत की घोषणा कर दी गई।
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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मतगणना में संयुक्त सचिव पद के हुए चुनाव की मतगणना में धांधली के कारण पार्टी की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने मतों की गिनती दोबारा कराने की मांग की जिसे स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय जाएगी।
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अजय माकन ने कहा कि हर वर्ष मतदान शुक्रवार या शनिवार को रखा जाता था ताकि छात्र अवकाश के दिनों में मतदान के लिए आसानी से आ सकें। उन्होंने कहा कि लेकिन इस बार जानबूझकर चुनाव मंगलवार को कराये गये। भाजपा ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा किया ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 सितम्बर के एक कार्यक्रम के भाषण को सुन सकें तथा उससे प्रभावित होकर एबीवीपी के पक्ष में मतदान करें।
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले चुनाव की तारीख नौ सितंबर यानी शनिवार को तय की थी लेकिन भाजपा के दबाव में इसे बदला गया है। उन्होंने कहा कि कई मतदान स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे।
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वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसबी बब्बर ने कहा कि गिनती में कोई चूक नहीं हुई है, डीयू एकमात्र विश्वविद्यालय है जो ईवीएम का इस्तेमाल करता है। छात्र संघ के लिये कल मतदान हुआ था। मतदान में कुल 1.32 लाख छात्रों में से 42.8 प्रतिशत छात्रों ने वोट डाले थे।
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