दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है। भाजपा नेता सुब्रह्मण्य स्वामी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित राम मंदिर पर सेमिनार से महाभारत छिड़ गया है।इस सेमिनार के खिलाफ एनएसयूआई, वामपंथी संगठन, आम आदमी पार्टी का छात्र संघ समेत तमाम शिक्षक भी उतर आए हैं। विरोध इतना उग्र हो गया है कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी करना पड़ा।
दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में ‘राम जन्मभूमि मंदिर : उभरता परिदृश्य’ नाम के विषय पर दो दिनों का सेमिनार आज शुरू हुआ। इसका आयोजन विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल द्वारा स्थापित शोध संस्थान अरूंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में हो रहा है।सुब्रमण्यम स्वामी इस संगठन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने ही इस सेमिनार का पूरा आयोजन करवाया है। उन्होंने ही सेमिनार में उद्घाटन भाषण दिया। सेमिनार में भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, मैंने जैसा कहा वहीं हुआ, मैंने कहा था राजा 2G में जेल जाएंगे, वह गए। अब कह रहा हूं राम मंदिर अयोध्या में बनेगा। राजीव गांधी ने 1989 में कहा था, देश में रामराज्य होगा। वह अच्छे इंसान थे। विरोध करने वालों पर उन्होंने कहा, वे असहनशील हैं। उन्होंने बताया कि यहां राम मंदिर से जुड़े तथ्यों और रिसर्च पेपर को यहां लोग पेश करेंगे। यहां समान विचारधारा वालों को बुलाया गया है। इसका विरोध करने वाले खुद असहिष्णु हैं।इस सेमिनार में इतिहासकार, पुरातत्वविद और कानून विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। इन विषयों में ‘भगवान राम का चरित्र और मूल्य, भारतीय संस्कृति में उनके प्रभाव’, ‘राममंदिर का इतिहास अैर संबंधित पुरातत्व तथ्य’, ‘राम मंदिर से जुड़े कानूनी पहलू’ और ‘राम मंदिर के अनुभव तथा भविष्य’ आदि शामिल हैं।
सेमिनार के विरोध में कई शिक्षक भी उतर आए हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस तरह के व्याख्यान विश्वविद्यालय में नहीं होने चाहिए। उधर दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सेमिनार के विषय से उनका कोई लेनादेना नहीं है