दिल्ली विस्फोट के विरोध में मुस्लिम समाज सड़कों पर, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

राजनांदगांव,  दिल्ली में 10 नवंबर को ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए कार विस्फोट आतंकी हमले के विरोध में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर के मुस्लिम समाज ने प्रदर्शन किया तथा कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के सदर एवं मुस्लिम समाज के अध्यक्ष हाजी रईस अहमद शकील के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सामाजिक लोग मौजूद थे।

मुस्लिम समाज ने ज्ञापन में दिल्ली हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद किसी भी मजहब का नहीं होता, ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले दहशतगर्द इंसानियत के दुश्मन हैं। समाज ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस घटना की जांच कर दोषियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए जिससे भविष्य में ऐसी वारदातों की पुनरावृत्ति न हो।

हाजी रईस अहमद शकील ने कहा कि आतंकवादी भारत की सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद के जड़ से खात्मे के लिए ठोस कदम उठाने की अपेक्षा जताई।

शहर जामा मस्जिद के खतीब व इमाम क़ासिम रज़ा बरकाती ने भी हमले की कठोर निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों की मौत अत्यंत दुखद है और पूरे देशवासी शोकाकुल परिवारों के साथ संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने हुकूमत से आग्रह किया कि इस मामले में कठोर व निर्णायक कार्रवाई की जाए।

समाज के सैय्यद अफजल अली ने कहा कि किसी भी धर्म या मजहब से ताल्लुक रखने वाला व्यक्ति यदि आतंकवादी गतिविधि में शामिल है, तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता मजबूत हो और आतंकवाद के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जाएं।

इस अवसर पर शहर के अनेक मोतबिर हज़रत मौजूद रहे जिनमें जामा मस्जिद के खतीबों इमाम कासिम रज़ा बरकाती, हनफी मस्जिद गोलबाजार के इमाम यूसुफ़ रज़ा, मोती मस्जिद के इमाम अहमद रज़ा मिस्बाही, कन्हारपुरी नूरी मस्जिद के इमाम मोहम्मद शहजाद, कन्हारपुरी मस्जिद के सदर सैय्यद असगर अली हाशमी, शांति नगर शाहे मदीना मस्जिद के सदर हाजी मोहम्मद वफीद राजा, पूर्व पुलिस अधिकारी अब्दुल रशीद खान सहित कई सामाजिक लोग शामिल थे।

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