खरगोन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दोनों पैर से दिव्यांग युवक की सड़क पर बैठकर राहुल गांधी से मिलने कि आस तो जरूर पूरी हुई किंतु उसके स्थाई रोजगार की मंशा पूरी ना होने पर वह दुखी रहा।
आज बागफल निवासी माखनलाल यादव अपने दस्तावेजों के साथ दोनों हाथ जोड़कर सिर पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की टोपी लगाकर पहले से ही बीच बड़वाह से 4 किलोमीटर दूर सड़क पर जाकर बैठ गया था। सुरक्षा में लगे जवानों ने उसे उठाकर हटाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद जब यात्रा उसके नजदीक पहुंची तो राहुल गांधी ने नीचे झुक कर उससे कुछ देर बात की और आगे बढ़ गए। इस दौरान जब भीड़ आगे बढ़ने लगी तो दिव्यांग खुद बीच सड़क से नहीं हट पाया और ना ही सुरक्षाकर्मी उसे हटाने गए। पूरी भीड़ उसे धक्का देकर आकर निकलती गई इसके बाद काफिले में शामिल वाहन भी खतरनाक ढंग से निकल गए। बाद में परिवार वालों की समझाइश के बाद वह जैसे तैसे सड़क से बाहर हो पाया।
यादव ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि वह ट्रक ड्राइवर था लेकिन 17 दिसंबर 2021 को हुई दुर्घटना में उसके दोनों पैर काटने पड़े थे। उसने कहा कि राहुल गांधी से उसे रोजगार की आस थी लेकिन वह केवल उसका नाम पूछ कर आगे बढ़ गए। हालांकि उसने बोला कि वह उन्हें अपनी समस्या नहीं बता सका। उसकी पत्नी रिंकू यादव ने बताया कि पति के साथ हुए हादसे के बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं है और दो छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश की कठिनाई सामने है। शासन से केवल 600 रुपए की मदद मिल रही है।
यात्रा के दौरान आज सुबह बड़ी संख्या में लोग राहुल की झलक के लिए बेताब थे। कई लोग तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक झलक से भी वंचित रह गए। इस बीच राहुल ने शहर के बाहर रोड़ पर खड़ी कुछ महिलाओं को मिलने के लिए बुला लिया। महिलाओं ऋतु व सलोनी ने बताया उन्हें बहुत खुशी हुई कि राहुल ने उन्हें मिलने के लिए घेरे के अंदर बुला लिया। महिलाओं ने बताया हमने राहुल गांधी से बात भी की। इस दौरान उन्हें मकान ना बनने के साथ ही खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए बात कहीं। जिस पर राहुल ने कहा कि बन जाएगा। इस दौरान महिलाओं के साथ मौजूद बच्चों को राहुल एवं प्रियंका ने दुलार भी किया।
उन्होंने एक स्थान पर सड़क किनारे खड़े दो छोटे बच्चों को बुलाकर प्यार किया और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा का कार्ड भी दिया। राहुल ने मजदूर महिलाओं और कचरा बीनने वाली महिला से भी चर्चा की।
राहुल गांधी मनिहार से वाहन द्वारा करीब 8 किलोमीटर तक उमरिया गए। इसके बाद उमरिया से बलवाड़ा तक वह करीब 8 किलोमीटर पैदल चले। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत मंत्री टी एस सिंह देव आदि भी उपस्थित थे। इसके बाद भी वाहन से महू की ओर निकल गए।