दुनिया ने आत्मसात किया योग और आयुर्वेद: सीएम योगी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए संपूर्ण विश्व ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण किया।

गोरखपुर जिले के पिपरी तरकुलहा में महायोगी गोरखनाथ के नाम पर आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री योगी ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है। 21 जून की तिथि विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाना उसका एक प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ के जरिये 200 देश भारतीय योग की महान परम्परा से जुड़े। सरकार ने 2014 में ही आयुष मंत्रालय का गठन अलग से करते हुए देश की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करने और उसके माध्यम से प्रत्येक नागरिक के लिए आरोग्यता प्रदान करने का जो लक्ष्य तय किया था, उसी का अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद,योग,यूनानी,होम्योपैथी,सिद्ध इन सभी को एक साथ जोड़ते हुए आयुष विभाग का गठन करते हुए इन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य किया है।

योगी ने कहा कि राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने में राष्ट्रपति का आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त होना सौभाग्य की बात है। प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज व तकनीकी संस्थानों को एक सूत्र के साथ जोड़ने की दिशा में उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी कार्यरत है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। यह विश्वविद्यालय सभी मेडिकल कॉलेजों का नियमन करेगा। इसी क्रम में अब भारतीय चिकित्सा पद्धति के कालेजों को एक सूत्र में पिरोने का काम आयुष विश्वविद्यालय करेगा।

आयुष विश्वविद्यालय के नामकरण पर प्रकाश डालते हुए श्री योगी ने बताया कि योग की समस्त विशिष्ट विधाएं चाहे हठ योग हो,राज योग,लय योग या फिर मंत्र योग हो जिन्हें व्यावहारिक या क्रिया योग भी कहते हैं, इसके जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं। ऐसे में इस विश्वविद्यालय को उन्हें समर्पित किया गया। आयुष विश्वविद्यालय प्रदेश के 94 आयुष महाविद्यालयों में स्नातक की 7500 और परास्नातक की 525 सीटों के पाठ्यक्रम,सत्र,परीक्षा और परिणाम का नियमन करेगा।

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