मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मां दुर्गा और महिषासुर के विषय में आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए. जब स्मृति ईरानी ने इस पर्चे का कंटेंट पढ़ा तो इसपर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस कदम को आपत्तिजनक बताते हुए माफी मांगने की मांग की है. कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ये गलत परंपरा है और अगर मंत्री माफी नहीं मांगतीं हैं तो इसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ेगा.
जेएनयू मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर बहस हुई. सरकार की ओर से बोलते हुए नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे से बहस को भटकाने की कोशिश कर रहा है. जेटली ने कहा कि कोई विचारधारा देश को तोड़ने की बात करे तो ये स्वीकार्य नहीं. यह बात बहुत स्पष्ट है कि इस देश में शैक्षिक स्वतंत्रता पर कोई पाबंदी नहीं है. जेटली ने कहा कि कोई राष्ट्रविरोधी विचारधारा को कैसे स्वीकर कर सकता है. जेटली ने कहा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी देश विरोधी नारे लगे. ये कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?
जेटली ने कहा कि विवाद उस बात को लेकर है कि जिसमें वैसे पोस्टर दिखाए गए. जिसमें अफजल और मकबूल को सजा देने को न्यायिक हत्याओं के रूप में दिखाया गया. जेटली ने कहा कि हम सब जानते हैं कि अफजल गुरु की सोच क्या थी. जेटली ने सवाल खड़ा किया कि कैसे कोई इस नारे के समर्थन में खड़ा हो सकता है- कश्मीर की आजादी…तक…भारत के टुकड़े. जेटली ने विपक्ष पर सवाल खड़ा किया कि ऐसी स्थिति में पुलिस क्या करती कार्रवाई नहीं करती तो?. साथ ही कहा कि प्रतिबंध के बावजूद जेएनयू में ये कार्यक्रम किया गया. जेटली ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी को जेएनयू जाते वक्त सोचना चाहिए था कि वे किसके समर्थन में खड़े हो रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि जेएनयू में गर्ल्स हॉस्टल में पुलिस के जाने के आरोप के बारे में गृह मंत्रालय या पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है. जांच के दौरान किसी पुलिस वाले के जाने की बात सामने आएगी तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.