लखनऊ, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के खिलाफ राजभर समाज ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। आरोप है कि बीती 14 मई को राजधानी में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राजा सुहेलदेव राजभर को पासी कहा था जिससे राजभर समाज में काफी आक्रोश है। इसी के विरोध में गुरुवार को समाज को लोगों ने लालबाग चौराहे पर एकजुट होकर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सेना के संयोजक भीमसेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि विहिप द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राजनैतिक लाभ के उद्देश्य से राजा सुहेलदेव राजभर को पासी कहा था। उनके द्वारा यह वक्तव्य राजभर समाज के इतिहास को मिटाने का बड़ा कुचक्र है। इससे राजभर समाज बहुत आहत है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लालबाग चौराहे पर सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा स्थापित कराई थी। इसके बारे में योगी सहित भाजपा के सभी नेताओं को पता है। इसके बाद भी सीएम ने राजा सुहेलदेव को पासी कहकर राजभर समाज को आहत किया है।
राष्ट्रीय राजभर युवा मंच के संयोजक अर्जुन राजभर ने कहा कि पासी और राजभर अलग-अलग हैं। पासी समाज लम्बे अर्से से अनुसूचित जाति का लाभ पा रहा हैं। जबकि राजभर पिछड़ी जाति में है। जो अनुसूचित जाति में शामिल होने की मांग कर रहा है।
जिस पर न ही पासी समाज द्वारा कभी सहयोग दिया गया न ही भाजपा ने मामले में हस्तक्षेप किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा राजभर समाज के आर्थिक, शैक्षणिक, राजनैतिक हितों की विरोधी है। प्रदर्शनकारियों ने कहा ही कि योगी अपना बयान वापस लेकर माफी मांगे नहीं तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।