नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने आज कहा कि देश भर में 349 विशेष आर्थिक क्षेत्रों :सेज: के लिए आवंटित जमीन में से पिछले साल तक करीब 60 फीसदी जमीन खाली पड़ी थी, हालांकि उसने यह स्पष्ट किया कि भूमि राज्य से जुड़ा विषय है और सेज के लिए भूमि राज्य सरकारों की नीति एवं प्रक्रियाओं के तहत अधिग्रहित किया जाता है।
लोकसभा में हरीश मीना और मोहन भाई कल्याणजीभाई कुंदरिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतामरण ने कहा, ‘‘भूमि राज्य से जुड़ा विषय है। सेज के विकास के लिए भूमि का अधिग्रहण राज्य सरकारों की नीति एवं प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है। सेज संबंधी अनुमोदन बोर्ड सिर्फ उन प्रस्तावों पर विचार करता है जिसकी विधिवत रूप से सिफारिश संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जाती है। सेज योजना बुनियादी रूप से निजी निवेश द्वारा संचालित है।
’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुल 349 अधिसूचित सेज :केंद्र सरकार के सात और राज्य.निजी क्षेत्र के 11 सेज सहित: के लिए कुल 44,177.69 हेक्टेयर अधिसूचित क्षेत्र है। 31.01. 2016 तक इनमें से 27029.69 हेक्टेयर क्षेत्र खाली पड़ा था। खाली पड़ी भूमि का संबंध मुख्य रूप से निजी क्षेत्र या राज्य सरकार के पीएसयू से है।’’ निर्मला ने कहा कि भूमि का विकास और आवंटन मांग और बाजार की स्थिति के आधार पर होता है।