नैनीताल, कृषि और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अहम स्थान रखने वाले देश के प्रसिद्ध गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि देश के विश्वविद्यालयों और संस्थानों को ऐसे इंडस्ट्री रेडी स्नातक तैयार करने चाहिए जो रोजगार पैदा कर सके और प्रोद्योगिकी के युग में स्पर्द्धा कर सकें।
उत्तराखंड के तीन दिनी दौरे पर पंतनगर पहुंची राष्ट्रपति ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश में एक उत्कृष्ट ब्रांड के रूप में जाना जाता है। इस विवि ने देश में हरित क्रांति में अहम रोल अदा किया है। आज किसान और कृषि जगत पंतनगर के कृषि बीजों पर आखं मूंद कर भरोसा करता है।
उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता और कृषि वैज्ञानिक डा. नार्मल वरलंग ने भी पंतनगर विवि की हरित क्रांति में योगदान के लिये प्रशंसा की थी। डा. वरलंग ने यहां मैक्सिकन गेंहू का परीक्षण किया था। उन्होंने यह भी कहा कि देश में हरित क्रांति में इस विवि की प्रयोगशाला के रूप में विशेष भूमिका रही है।
उन्होंने आगे कहा कि विवि अभी तक फसलों की 346 उन्नत किस्में और पशुओं की दो किस्मों को ईजाद कर चुका है। साथ ही दलहन की सात प्रजाति को विकसित कर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि विवि शुरू से उच्च शिक्षा, अनुसंधान, शोध और उत्कृष्टता का केन्द्र रहा है और उम्मीद जताई कि देश के कृषि विकास में आगे भी अहम रोल अदा करेगा।
उन्होंने कहा कि विश्व में पर्यावरण में आ रहा परिवर्तन एक चुनौती है और विश्व प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर से बढ़ रहा है। यही नहीं विश्व आज अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स ईयर भी मना रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर उत्तराखंड का जैविक उत्पादन में देश में अहम स्थान है। उन्होंने कहा कि विवि के वैज्ञानिक इस क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में प्रोद्योगिकी के विकास को भी अहम बताया और कहा कि विवि की और से तैयार ड्रोन कृषि क्षेत्र में अहम साबित होगा और किसान इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
इस मौके पर उन्होंने 1041 छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि अपनी प्रतिभा से अपने राज्य ही नहीं विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन करते रहें। उन्होंने इस बात पर भी संतोष जताया कि आज बेटियां अधिकांश शिक्षण संस्थानों में अग्रणी स्थान हासिल कर रही हैं।
समारोह को राज्यपाल ले0 जनरल (अ0 प्रा0) गुरमीत सिंह, कृषि मंत्री गणेश जोशी और केन्द्रीय रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी संबोधित किया।
महामहिम राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त छात्र -छात्राओं से कहा कि शिक्षा का अर्थ डिग्री लेना नहीं है बल्कि आत्म ज्ञान के साथ ही सशक्तिकरण और परिवर्तन का माध्यम है।
केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट और राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से आज उत्तराखंड के जैविक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।