नई दिल्ली,सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण देश के सभी हिस्सों से दिखाई देगा. इस दौरान चंद्रमा थोड़ा सा लाल रंग का होगा और इस खगोलीय घटना को ‘ब्लड मून’ कहा जाता है. यह चंद्र ग्रहण देश में नहीं बल्कि विदेशो में भी इसकी झलक दिखाई देगी.
ये खगोलीय घटना आंशिक चंद्र ग्रहण के रूप में 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और पूर्ण चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को तड़के एक बजे शुरू होगा. वैज्ञानिक ने बताया कि चंद्रमा 28 जुलाई को तड़के 1 बज कर 52 मिनट से 2 बज कर 43 मिनट तक सबसे ज्यादा अंधकार में रहेगा.
एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च , एमपी बिरला प्लेनेटेरियम के निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने कहा , ‘भारत में दर्शक खुशकिस्मत हैं क्योंकि आंशिक और पूर्ण दोनों ग्रहण देश के सभी हिस्सों से पूरी तरह से दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि दक्षिण अमेरिका , अफ्रीका , पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में भी ग्रहण दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि पूर्ण चंद्र ग्रहण एक घंटे 43 मिनट का होगा जबकि आंशिक ग्रहण एक घंटे से ज्यादा समय का होगा.
भारत में खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह स्वर्णिम अवसर होगा क्योंकि ग्रहण लगभग पूरी रात दिखाई देगा.’ 27 जुलाई को पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के मध्य हिस्से से होकर गुजरेगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है और एक दुर्लभ घटना के तहत गहरे भूरे रंग से और अधिक गहरा हो जाता है. यही कारण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है और उस समय इसे ब्लड मून कहा जाता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या चंद्र ग्रहण को बिना किसी उपकरण के आंखों से देखना सुरक्षित होगा , इस पर दुआरी ने कहा , ‘सौर ग्रहण देखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की तरह चंद्र ग्रहण देखने के लिए कोई खास इंस्ट्रूमेंट की जरूरत नहीं है. किसी को भी ग्रहण देखने के लिए टेलीस्कोप की जरुरत नहीं है हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाली दूरबीन से बेहतर एक्सपीरिएंस मिलेगा. ’’