देश भर मे दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े, भाजपा शासित राज्यों मे दशा सबसे खराब
December 1, 2017
नई दिल्ली, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने ताजा रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट मे सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि दलितों के खिलाफ अपराध के मामलों में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य सबसे आगे हैं. दलितों के खिलाफ अधिक अपराध वाले राज्यों में जो शुरुआती तीन राज्यों का नाम है वहां बीजेपी की ही सरकार है.दलितों के खिलाफ अधिक अपराध वाले राज्यों में जो टॉप 5 राज्य हैं उनमें या तो बीजेपी की सरकार है या फिर उनके सहयोगियों की हैं. इस सूची मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहराज्य गुजरात भी शामिल है.
राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, 2016 में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधिक मामलों में 2015 के मुकाबले 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.2016 में कुल 40,801 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 2015 में ये आंकड़ा 38670 तक ही था. पूरे देश में दलितों के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 20.6 फीसदी रहा. 2016 में मध्यप्रदेश में दलितों के खिलाफ 43.4 फीसदी संज्ञेय अपराध हुए हैं, जबकि राजस्थान में ये आंकड़ा 42 फीसदी है. गोवा में 36.7 फीसदी, 34.4 फीसदी बिहार में और 32.5 फीसदी गुजरात में.
क्राइम रेट के अनुसार, पहला नबंर भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश का है.मध्यप्रदेश में पिछले लगभग एक दशक से शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार चल रही है. पिछले साल में राज्य के आंकड़ों में 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. प्रति लाख के आंकड़ों के अनुसार 2014 मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के 3294 मामले दर्ज हुए, जो 2015 में 3546 और 2016 में 4922 तक पहुंचे.
मध्यप्रदेश के बाद दूसरा स्थान राजस्थान का आता है, जहां अपराध में 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. राजस्थान में 2014 में 6735 अपराध दर्ज हुए हैं, जो 2015 में 5911 और 2016 में 5136 तक पहुंचे. अपराध के मामले में तीसरे नंबर पर गोवा है. गोवा में 2014 में इस प्रकार के मात्र 13 और 2015 में 11 मामले ही दर्ज हुए थे.
चौथे नंबर पर बिहार है जहां बीजेपी के समर्थन से नीतीश कुमार की सरकार चल रही है. बिहार में पिछले साल इस प्रकार के 5701 मामले दर्ज किए गए हैं. 2016 में हुए पूरे देश में कुल अपराधों में से 14 फीसदी अपराध बिहार में ही हुए हैं. बिहार में पहले जेडीयू-राजद की सरकार थी, लेकिन बाद समीकरण बदले और बीजेपी-जेडीयू की सरकार बनी.
गुजरात इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर आया है. गुजरात में 2014 के मुकाबले अपराध बढ़ा है. 2014 में जहां गुजरात में 1094 आपराधिक केस दर्ज किए गए वहीं 2016 में ये आंकड़ा 1322 तक पहुंचा. हालांकि, 2015 में ये नंबर 1010 तक ही थे. पिछले कुछ समय में गुजरात में दलितों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं. जिनमें 2015 में हुई ऊना की घटना ने देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं. चुनाव मे दलितों की सुरक्षा गुजरात में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.