नयी दिल्ली, भूमंडलीकरण के बाद पूरी दुनिया में हुए बदलावों से छात्रों को परिचित करने के लिए देश
में पहली बार ग्लोबल स्टडीज़ की पढाई दिल्ली के अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुरू हो रही है।
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इस विश्वविद्यालय ने अगस्त से नए शैक्षणिक सत्र से ग्लोबल स्टडीज़ विषय में एम ए का कोर्स शुरू करने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ श्याम मेनन ने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र से चार
नए विषयों में एम ए की पढ़ाई शुरू की जा रही है जिनमें एक विषय ग्लोबल स्टडीज़ होगा। अभी तक भारत में
इसकी पढ़ाई कहीं नहीं होती है। अम्बेडकर विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जहां इसकी पढ़ाई शुरू होगी।
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डॉ मेनन ने कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद पूरी दुनिया में भूमंडलीकरण का दौर शुरू हुआ जिससे आर्थिक, सामाजिक,राजनीतिक,सांस्कृतिक,तकनीकी तथा भाषाई स्तर पर भी काफी बदलाव हुए हैं। ग्लोबल स्टडीज़ में इस परिवर्तन तथा बदलाव के बारे में पढ़ाया जायेगा ताकि छात्रों को इस बदली हुई दुनिया के बारे में जानकारी मिल सके कि ये परिवर्तन किस तरह के हुए हैं और समाज किस दिशा में बदल रहा है।
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उन्होंने कहा कि अभी तक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय के तहत राजनीतिक कूटनीतिक संबंधों के बारे में पढ़ते
थे लेकिन ग्लोबल स्टडीज़ उस से काफी भिन्न है और उसका दायरा भी बड़ा है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल स्टडीज़ के अलावा लोक नीति एवं शासन, शहरी अध्ययन, कानून राजनीति एवं समाज जैसे तीन और पाठ्यक्रमों में भी एम ए की
पढ़ाई इस सत्र से शुरू कर रहे हैं।
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डॉ मेनन ने कहा कि लोकनीति विषय की पढ़ाई अभी हरियाणा के ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय ने शुरू की है लेकिन वह निजी विश्वविद्यालय है। शहरी अध्ययन में एम ए की पढ़ाई देश में केवल दो स्थानों पर बेंगलुरु तथा टाटा सामाजिक संस्थानएमुम्बई में ही होती है। उन्होंने कहा कि अब छात्र नए.नए विषयों में पढ़ाई करना चाहते हैं और इनकी अधिक उपयोगिता भी है।
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इस पाठ्यक्रम के प्रभारी प्रो प्रवीण सिंह ने कहा कि ग्लोबल स्टडीज़ के तहत छात्रों के लिए कार्यशालाएं आदि तो होंगी ही उन्हें विदेश की यात्रा भी करायी जायेगी ताकि उन्हें इस विषय की जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्टडीज़ के लिए समाज विज्ञान के सभी शिक्षक छात्रों को पढ़ाएंगे क्योंकि इसमें छात्रों को सभी विषयों से जुड़े मसलों का अध्ययन करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि यह कोर्स छात्रों के लिए रोचक एवं जीवंत होगा तथा रोजगारपरक भी होगा।