नयी दिल्ली, देश में पिछले वर्ष अमीरों और गरीबों के बीच खाई और चौड़ी हो गयी। इस दौरान एक प्रतिशत सबसे धनाढ्यों की आमदनी 39 प्रतिशत बढ़ गयी जबकि निचले पायदान पर खड़े 50 प्रतिशत गरीबों की आय में मात्र तीन प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। गैर सरकारी संगठन आक्सफैम की असमानता पर आज जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में देश में धन्नासेठों की आमदनी में रोजाना 2200 करोड़ रुपये तक की वृद्धि हुई जबकि कंगाली में जीवन बसर कर रहे लोग कर्ज में डूबे रहे।
स्विटजरलैंड के दावोस में होने वाली विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले दुनिया भर में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले वर्ष 18 नये अरबपति बने जिससे इनकी कुल संख्या 199 हो गयी। इनकी कुल आमदनी 28000 अरब रुपये से भी ज्यादा हो गयी है। वर्ष 2017 में इनकी आय 22725 अरब रुपये थी जो 2018 में बढ़कर 30807 अरब रुपये हो गयी। वर्ष 2008 के बाद से किसी एक वर्ष में धन्नासेठों की आय में यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। अरबपतियों की सूची में मात्र नौ महिलायें हैं।
सबसे धनाढ्य 10 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपदा का 77ण् 4 प्रतिशत हिस्सा है। इनमें से भी शीर्ष एक प्रतिशत के पास 51ण् 53 प्रतिशत संपदा है। निचले पायदान पर खड़े देश के बहुसंख्यक 60 प्रतिशत लोगों के पास कुल राष्ट्रीय संपदा का मात्र 4ण्8 प्रतिशत हिस्सा है।
अरबपतियों का कुल धन वित्त वर्ष 2018.19 के कुल केंद्रीय बजट 24422 अरब रुपये से अधिक है। धन्नासेठों का कुल धन वित्त वर्ष 2018.19 के केंद्रीय बजट 24422 अरब रुपये से भी ज्यादा है। कुल 119 अरबपतियों के धन में 8022 अरब रुपये तक की बढ़ोतरी हुई जो केंद्र एवं राज्यों के 2016.17 के कुल प्रत्यक्ष कर राजस्व 8621अरब रुपये के लगभग बराबर है।
चिकित्साए जन स्वास्थ्यए स्वच्छता और जलापूर्ति जैसे मदों पर केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व और पूंजीगत व्यय दो लाख आठ हजार 166 करोड़ रुपये हैए जो देश के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के कुल धन दो लाख 80 हजार 700 करोड़ रुपये से भी कम है। विश्व में अमीरों की आमदनी प्रतिदिन 2ण्5 अरब डालर तक बढ़ी जबकि गरीबों की
आय में 11 प्रतिशत की गिरावट आयी।
रिपोर्ट के अनुसार एक ओर जहां धन्नासेठों की आमदनी बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर जनसेवाओं पर सरकारी खर्च या तो कम हो रहा है या निजी कंपनियों से इनकी आउटसोर्सिंग की रही है। परिणामस्वरूप गरीब तबका इन सेवाओं से वंचित हो रहा है। भारत समेत कई देशों में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवायें विलासिता हो गयीं हैं और सिर्फ अमीर तबके तक ही इनकी पहुंच है। अमीरों के मुकाबले गरीब परिवारों के बच्चों की एक वर्ष की आयु पूरी करने से पहले ही मौत होने की संभावना है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अमीरों पर कर बढ़ाकर सबको स्वास्थ्यए शिक्षा तथा जन स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाओं में सुधार करके गरीब और अमीर के बीच खाई कम की जा सकती है।
विश्व में अमीरों की आमदनी प्रतिदिन 2ण्5 अरब डालर तक बढ़ी जबकि गरीबों की आय में 11 प्रतिशत की गिरावट आयी। अमीरों की आमदनी प्रतिदिन 2ण्5 अरब डालर तक बढ़ी। पिछले एक वर्ष में हर दूसरे दिन एक नया व्यक्ति अरबपति बना। इस दौरान 1900 अरबपतियों की आय में 63000 अरब रुपये की वृद्धि हुई जबकि 3ण्8 अरब की विश्व की आधी आबादी की आय में 11 प्रतिशत तक की गिरावट हुई। विश्व के सबसे धनी व्यक्ति एमजॉन के मालिक जेफ बेरोज की आय में 7840 अरब रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई। उनकी आय का एक प्रतिशत इथियोपिया के कुल स्वास्थ्य बजट के बराबर है।