
अमित शाह ने मध्यप्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय पर “86वें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस परेड 2025” कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्रप्रताप सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अमित शाह ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों की गौरव गाथा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इस बल की कोबरा बटालियन के जवानों की बदौलत देश में नक्सली सिमटकर अब सिर्फ चार जिलों में रह गए हैं। उन्होंने कहा कि ये नक्सली कभी “पशुपति से तिरुपति” तक का हौंसला रखते थे, जो चार जिलों में सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि आगामी 31 मार्च तक देश से नक्सलियों का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने यह संकल्प सीआरपीएफ की क्षमताओं के कारण ही लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कोबरा जवानों की कार्यप्रणाली की बार बार सराहना करते हुए कहा कि जब नक्सलियों काे पता चलता है कि काेबरा जवान उनकी तरफ बढ़ रहे हैं, तो नक्सलियों की रुह कांप जाती है। और अब खासतौर से इन्हीं जवानों की बदौलत देश से नक्सलियों का खात्मा होगा।
अमित शाह ने सीआरपीएफ जवानों और अधिकारियों की कर्तव्यस्थल पर कार्य का स्मरण करते हुए कहा कि इसकी स्थापना से लेकर अब तक 2264 जवान शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है और इस तरह के लक्ष्य काे हासिल करने में भी इन जवानों को बड़ा योगदान रहेगा। ये अधिकारी जवान देश में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
अमित शाह ने कहा कि किसी भी घटना विशेष के संबंध में जब उन्हें पता चलता है कि वहां पर सीआरपीएफ के अधिकारी जवान तैनात हैं तो वे निश्चिंत हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें पता रहता है कि सीआरपीएफ जवानों की उपस्थिति में सफलता निश्चित है। सीआरपीएफ ने देश की एकता अखंडता बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के दौरान भी सीआरपीएफ को तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों ने जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर और देश के अन्य हिस्सों में शांति व्यवस्था स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री शाह ने इस अवसर पर देश के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के कार्यों का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही सीआरपीएफ को नया स्वरूप और ध्वज देने का काम किया था। श्री पटेल ने ही इस बल के “चार्टर” को चिंहित किया।
अमित शाह ने कहा कि इस बल के कारण दस साल में नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत की कमी आयी है। सीआरपीएफ ने मिशनों पर भी काम किया है। इस बल ने अब तक 2708 विभिन्न पदक हासिल किए हैं। कोरोना काल में भी सीआरपीएफ ने शानदार काम किया। सीआरपीएफ की अन्य अनेक उपलब्धियां हैं। उन्होंने बताया कि वेतन एवं भत्तों में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने एक आयोग का गठन किया है। जवानों की समस्याओं को दूर किया जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि अब सीआरपीएफ में महिलाओं की भर्ती भी हो रही है।
इसके पहले अमित शाह ने सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों को विभिन्न वीरता पदक प्रदान किए। उन्होंने भव्य और आकर्षक परेड की सलामी ली। बल के जवानों ने अपनी वीरता का प्रदर्शन भी इस दौरान किया। समारोह में बल के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। श्री सिंह ने श्री शाह को बल की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अमित शाह कल देर रात नीमच पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री डॉ शाह ने उनका स्वागत किया। रात्रि विश्राम के बाद श्री शाह सुबह आठ बजे के आसपास कार्यक्रमस्थल पहुंच गए।