कोलकाता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि देश के सभी समुदाय अपनी विविध संस्कृति, धर्म, भाषा और खाने की आदत की परवाह किए बिना सौहार्द से साथ मिलकर रहेंगे। भागवत ने कहा, सब भारत माता के बेटों की तरह सौहार्द से रहेंगे। हम सब विविध संस्कृति, धर्म, भाषा और खाने की आदतों की परवाह किए बिना मिलकर रहेंगे। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि रविंद्रनाथ टेगौर का हवाला देते हुए संघ प्रमुख ने कहा, टैगोर ने एक बार अंग्रेजों से कहा था कि ऐसा नहीं सोचो कि के हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे के खिलाफ लड़कर खत्म हो जाएंगे क्योंकि ऐसा कभी नहीं होने वाला है।
अपने मतभेदों के बावजूद, वे (हिन्दू और मुस्लिम) सह-अस्तित्व का मार्ग तलाशेंगे और यह रास्ता हिन्दू मार्ग होगा। संघ प्रमुख मंगलवार को शहर में सिस्टर निवेदिता की 150वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वह स्वामी विवेकानंद की शिष्य थीं। भागवत ने एक घटना को याद किया जब एक उर्दू दैनिक चलाने वाले राज्यसभा के पूर्व सदस्य ने उनसे पूछा कि वह सच्चर समिति का विरोध क्यों करते हैं? संघ प्रमुख ने कहा, उन्होंने मुझसे कहा कि भारत के सभी मुस्लिम मूलतः हिन्दू हैं और किसी प्रकार मुसलमान बन गए और अब वे यही रहेंगे।
भावगत ने कहा, उन्होंने मुझसे यह भी कहा था कि भारतीय मुसलमानों में कव्वाली गाने की परंपरा है और यह किसी अन्य देश में नहीं है और इसके पीछे का कारण यह है कि वे भजन गाने के चलन को नहीं भूल पाए हैं। संघ प्रमुख ने कहा, ये उनके शब्द थे। उन्होंने कहा था कि अगर हम सबको सच मालूम हो जाए तो ये मतभेद नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए, हमें शिक्षा की जरूरत है और सच्चर समिति की रिपोर्ट मुसलमानों को यह हासिल करने में मदद करेगी। भागवत ने कहा, उन्होंने पूछा कि मैं क्यों सच्चर समिति का विरोध करता हूं? मैंने उनसे कहा कि मैं इस सच से परिचित हूं लेकिन जिस दिन जिन लोगों का वह प्रतिनिधित्व करते हैं वे इस सच्चाई को स्वीकार करेंगे तो मैं सच्चर समिति का विरोध करना बंद कर दूंगा।