गांधीनगर, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि आगामी नवंबर में मैं 75 साल की हो जाउंगी इसलिए नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस संबंध में दो माह पूर्व पार्टी को अवगत करा चुकी हूँ। अपने पूर्ववर्ती और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में सत्ता सौंपे जाने के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री बनीं आनंदी बेन पटेल ने इस वर्ष मई में अपने कार्यकाल को दो साल पूरे किये। नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद 22 मई 2014 को पटेल गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं। अपने शासनकाल में उन्होंने जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना किया है उसमें पटेल आरक्षण आंदोलन, जिला और तालुका पंचायत चुनावों में भाजपा की हार और उना में दलितों की पिटाई से हुआ राजनीतिक हंगामा शामिल है। सूत्रों का कहना है कि पटेल को पंजाब का राज्यपाल बनाया जा सकता है। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में पुरुषोत्तम रूपाला, नितिन पटेल और विजय रूपानी के नाम सबसे आगे बताये जा रहे हैं। राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के बड़े नेताओं का मत है कि आनंदीबेन के नेतृत्व में विधानसभा चुनावों में जीत मिलना मुश्किल है इसलिए अभी कुछ समय पूर्व भी उन्हें हटाये जाने की तब अटकलें लगने लगीं थीं जब उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री बनने के आकांक्षी नेताओं ने अमित शाह से मुलाकात की थी।