वाशिंगटन, वैज्ञानिकों ने ऐसे कृत्रिम पत्तियां बनाई हैं जो प्राकृतिक पौधों की तुलना में वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को दस गुना अधिक कुशलता से ईंधन में परिवर्तित करती हैं। वैज्ञानिकों में भारतीय मूल के लोग भी शामिल हैं। ये कृत्रिम पत्तियां भी उसी प्राकृतिक प्रक्रिया के तरह ही अपना काम करती हैं जिसके अनुरूप ये पौधे सूर्य से ऊर्जा, हवा से कार्बन डाइऑक्साइड और जल ग्रहण कर प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं।
बहरहाल, ये अत्याधुनिक कृत्रिम पत्तियां केवल प्रयोगशाला में ही काम करती हैं क्योंकि वे टैंकों से शुद्ध, दाबानुकूलित कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कर पाती हैं। अमेरिका में शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने इसके समाधान का प्रस्ताव दिया है जिससे कृत्रिम पत्तियों को प्रयोगशाला से बाहर लाया जा सकता है। ये उन्नत पत्तियां हवा से कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करेंगी, जो कार्बन डाइऑक्साइड को ईंधन में परिवर्तित करने में प्राकृतिक पत्तियों की तुलना में कम से कम 10 गुना अधिक सक्षम होंगी।
इलिनोइस विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर मीनेश सिंह ने कहा, ‘‘अब तक लैब में दबावयुक्त टैंकों से कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कर कृत्रिम पत्तियों के सभी डिजाइनों का परीक्षण किया गया है।’’प्रयोगशाला के अंदर कृत्रिम प्रकाश संश्लेषक इकाई को स्थापित किया गया था, जो कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड में परिवर्तित करने वाले उत्प्रेरक के साथ एक प्रकाश अवशोषक यंत्र से बना है, जिसे अलग-अलग सिंथेटिक ईंधन बनाने के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन भी बनता है और इसे या तो एकत्र किया जा सकता है या आसपास के वातावरण में छोड़ा जा सकता है।