लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 72वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नए भारत के निर्माण में उनके योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए सरदार पटेल और उनके योगदान सदैव स्मरण किए जाएंगे।
इस अवसर पर ‘राष्ट्र रक्षा संकल्प सभा’ को सम्बोधित करे हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्र की अखंडता व एकात्मता के प्रतीक, वंचितों और अशक्तों के सशक्त स्वर थे। देश को स्वतंत्रता मिलने पर संविधान के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने दर्जनों रियासतों को राष्ट्रीय भाव के एकात्म सूत्र में पिरोकर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की रचना का महान कार्य किया था। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद 563 से अधिक रियासतों को एक साथ लाने और भारत के साथ विलय करने में श्री पटेल की भूमिका को भी याद करते हुए कहा कि कई रियासतें भटकाव की स्थिति में थीं। हैदराबाद और जूनागढ़ की रियासतों की चालों से सभी वाकिफ थे, लेकिन सरदार पटेल की दूरदृष्टि और दृढ़ संकल्प के कारण सभी रियासतें शांतिपूर्वक भारत में विलय हुआ।
उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल ने आजादी के तुरंत बाद कृषि, पशुधन, शिक्षा और किसानों के जीवन में सुधार लाने के काम को आगे बढ़ाया।”
उन्होंने कहा कि मैं उनकी स्मृति को नमन करते हुए सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देता हूं। भारत की एकता और अखंडता के लिए उनका कार्य वर्तमान और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी वर्मा, विधायक शशांक वर्मा, आशीष सिंह आशु, विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।