अहमदाबाद, एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद नकदी की कमी से जूझ रहे गुजरात के गैर सरकारी संगठन नवसृजन ट्रस्ट ने अपने करीब 80 कर्मियों से इस्तीफा मांगा है और कहा है कि उसकी ओर से संचालित तीन स्कूल बंद किए जाएंगे। यह एनजीओ पिछले 27 वर्षों से दलित अधिकारों के लिए काम कर रहा है। नवसृजन ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी मार्टिन मैकवान ने कहा कि कंेद्र ने विदेशी योगदान नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत विदेशी फंड प्राप्त करने के उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया जिसके बाद एनजीओ अपने कर्मियों को वेतन देने में सक्षम नहीं है। मैकवान ने कहा, हम सरकार के इस कदम के कारण नकदी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं और इसलिए हमने हमारे करीब 80 कर्मियों से इस्तीफा देने को कहा है। हम हमारे प्रति वर्ष 2.75 करोड़ रपए के खर्चों से निपटने के लिए विदेशी स्रोतों से मिलने वाले फंड पर निर्भर हैं। इसका करीब 85 प्रतिशत हिस्सा विदेशी देशों से आता है। यह संगठन दलितों के उत्थान के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाने के अलावा अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर एवं पाटन जिलों में तीन स्कूल भी चलाता है। मैकवान ने कहा कि दलित एवं जनजातीय समुदायों के 102 अत्यंत गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने वाले इन तीन स्कूलों को भी धन के अभाव में बंद करना पड़ेगा। मैकवान ने कहा कि कंेद्र उनके संगठन को इसलिए निशाना बना रहा है क्योंकि उसने गिर सोमनाथ के उना में हाल में हुई उस घटना को रेखांकित किया जिसमें दलित युवाओं को स्वयंभू गौरक्षकों ने पीटा था। उन्होंने कहा, यह साफ है कि कंेद्र विभिन्न मंचों पर हमारे यह मामला उठाने से नाखुश है। हमने केवल दलितों की दशा को रेखांकित करने की कोशिश की। हम 27 बरस से यही कर रहे हंै लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार यह चाहती है हम यह प्रचार करें कि उनके शासन में सब सही चल रहा है। मैकवान ने कहा कि वह केंद्र के निर्णय को जल्द ही गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।