नमाज़वादी इंडी गठबंधन बिहार में शरीया कानून लागू करना चाहता है: भाजपा

नयी दिल्ली,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नये वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने संबंधी बयान की कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है और पूछा है कि क्या ‘नमाज़वादी’ इंडी गठबंधन बिहार में शरीया कानून लागू करना चाहता है।

भाजपा प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पटना के गांधी मैदान में रविवार को राष्ट्रीय जनता दल की रैली में श्री तेजस्वी यादव के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “अभी हाल ही में हमने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे दुर्दांत काले अध्याय आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण किए। लेकिन बड़े दुख की बात है, पटना के उसी गांधी मैदान में जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा और संविधान के सम्मान के लिए जान की परवाह किए बिना लाखों लोग एकत्र हुए थे। वहां कल एक ऐसी रैली हुई, जिसमें इंडी गठबंधन के सहयोगी बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने ​कहा कि संसद के कानून को (वक्फ बोर्ड कानून) कूड़ेदान में फेंक देंगे। जबकि यह कानून (वक्फ बोर्ड कानून) दोनों सदनों से पारित है और न्यायालय में विचाराधीन है।”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “इसका अर्थ ये हुआ कि न संसद का सम्मान है, न न्यायपालिका का सम्मान है। वोट बैंक की चाहत में इंडी गठबंधन के सहयोगी तेजस्वी यादव द्वारा जो कुछ बोला गया है, उससे साफ है कि ये संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूँ कि कुरान में ‘वक्फ’ जैसा कोई शब्द नहीं है। यह मुल्लाओं और मौलवियों द्वारा बनाया गया शब्द है। इस्लाम आपको खर्च करना, देना सिखाता है, न कि रखना या जमा करना। और फिर भी, आप कहते हैं, “संग्रह करो”? यह बाबा साहब के संविधान का मज़ाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है बल्कि इसे धर्मनिरपेक्ष दस्तावेज़ से मौलवियों की स्क्रिप्ट में बदलने की कोशिश है।”

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि अगर वे कभी सत्ता में आए तो यह संभव है कि वे बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को कूड़ेदान में फेंक देंगे और शरिया कानून लागू करेंगे। यह कोई अतिश्योक्ति नहीं है। याद रखें, भारत में सरकार ने केवल एक बार 400 सीटें पार की हैं – 1985 में। और फिर क्या हुआ? शाहबानो मामले को देखें। उस 400 से ज़्यादा की सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले को कुचल दिया और शरिया कानून को संविधान से ऊपर रख दिया।

भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया, “क्या इंडी गठबंधन बिहार में शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहा है? क्या राजद और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसी पार्टियां अपनी तुष्टीकरण की राजनीति को छिपाने के लिए समाजवाद का मुखौटा पहन रही हैं?”
डॉ. त्रिवेदी ने कहा, “समाजवाद का मतलब है समान वितरण। लेकिन यहां, वे इस बात की वकालत कर रहे हैं कि जमीन के एक बड़े हिस्से पर मुट्ठी भर मुल्लाओं और मौलवियों का कब्ज़ा होना चाहिए। ये नेता वंचित मुसलमानों के साथ नहीं खड़े हैं। वे उन लोगों के साथ खड़े हैं जो धर्म के नाम पर गरीब मुसलमानों का शोषण करते हैं। अगर उन्हें ‘समाजवादी’ के बजाय ‘नमाजवादी’ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।”

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