नई दिल्ली, जल संसाधनए नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के गंगा को निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगा अभियान में तेजी लाने की योजना के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ;एनएमसीजी की कार्यकारी समिति ने 19 अरब रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मंत्रालय की आज यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार समिति ने जिन 20 परियोजनाओं को मंजूरी दी है उनमें से 13 उत्तराखंड से सम्बद्ध है। इनमें पवित्र तीर्थस्थल हरिद्वार में मलजल नेटवर्क तैयार करने में करीब 415 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन परियोजनाओं के लिए पूरा खर्च केंद्र सरकार देगी और उसके बाद इनके प्रचालन और रख.रखाव का खर्च भी केंद्र सरकार वहन करेगी।
परियोजना के तहत अलकनंदा में प्रदूषण दूर करने के लिए गंदे पानी के नालों को इसमें जाने से रोककर उनका मार्ग बदलना है। इसके साथ ही जोशीमठए रुद्रप्रयागए कर्णप्रयाग और कीर्तिनगर में नए लघु संयंत्र स्थापिति करने हैं जिन पर करीब 78 करोड़ रूपये की लागत आएगी। गंगा में प्रदूषण दूर करने के लिए ऋषिकेश में 158 करोड़ रुपये की लागत वाली एक बड़ी परियोजना काे भी अनुमोदित किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 665 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से उत्कृष्ट प्रदूषक मानक के साथ ओखला मलजल उपचार संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पीतमपुरा और कोंडली में 100 करोड़ रुपये से अधिक अनुमानित लागत वाली नई मलजल पाइपलाइनें बिछाने की दो परियोजनाएं भी मंजूर की गयी हैए ताकि रिसाव रोका जा सके।
बिहार की राजधानी पटना और झारखंड राजमहल में 335 करोड़ रुपये से अधिक लागत से मलजल निकासी संबंधी कार्यों के लिए मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा वाराणसी में गंगा प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए सार्वजनिक.निजी.भागीदारी यानी पीपीपी आधर पर 151 करोड़ रुपये की परियोजना को भी स्वीकृति दी गयी है।