अमृतसर, पंजाब के मंत्री एवं स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ट्रेन की चपेट में आने से हुई 61 लोगों की मौत एक दुर्घटना थी और किसी ने भी यह जानबूझ कर नहीं किया। हालांकि उन्होंने कहा कि “बड़ी लापरवाही” हुई और अपने आलोचकों से इस घटना पर राजनीति नहीं करने को कहा। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैंने कुछ लोगों से बात की जिन्होंने बताया कि कुछ लोग रेलवे पटरी पर खड़े थे जबकि कुछ लोग पटरी के पास एक पत्थर पर बैठे हुए थे।”
उन्होंने बताया, “रावण का पुतला जब जलाया गया तब कुछ लोग पीछे हटने लगे। तभी एक ट्रेन तेज गति से आई और कोई हॉर्न नहीं बजा जिससे लोगों को पास आती ट्रेन के बारे में पता नहीं चल सका और यह सब एक या दो सेकेंड के भीतर हुआ। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पर पीड़ितों की परवाह किए बिना मौके से निकल जाने का आरोप लग रहा है जिसके बचाव में उन्होंने कहा कि जब उनपर आरोप लगाए जा रहे थे वह अस्पताल में मरीजों से मिल रही थीं।
उन्होंने कहा, ”जब मैंने शुक्रवार को अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू से बात की थी तो वह अस्पताल में थीं। इस बीच कांग्रेस नेता ने शनिवार सुबह स्थानीय अस्पतालों का दौरा किया और मरीजों एवं उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की। सिद्धू ने कहा कि वह हादसे के बारे में जानकर स्तब्ध थे। उन्होंने यह भी बताया कि वह शुक्रवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में कालीकट में थे।
मंत्री ने किसी पर अंगुली उठाने से मना करते हुए कहा, “किसी ने भी जानबूझ कर यह नहीं किया है। हालांकि इस घटना के पीछे बड़ी लापरवाही हुई है..जब मैं लापरवाही की बात करता हूं तो इसका अर्थ यह है कि कुछ लोग अपनी जिम्मेदारियों तक को नहीं समझते हैँ।”
घटना को अपूर्णीय क्षति बताते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा करने की किसी भी मंशा नहीं थी। इसके पीछे कोई मकसद नहीं था। उन्होंने आग्रह किया कि घटना को “राजनीतिक शक्ल” न दी जाए।