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नवम्बर से शुरू होगा राम मंदिर की प्लिंथ का निर्माण

अयोध्या,  मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला मंदिर निर्माण में नवम्बर से राम मंदिर के प्लिंथ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पतराय ने शनिवार को यहां दो दिवसीय मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि राम मंदिर की नींव भराई का काम पूरा हो चुका है। अभी कुछ काम बाकी है। बारिश की वजह से थोड़ी बाधा आयी है। हमारी तैयारी है कि नवम्बर से राम मंदिर के प्लिंथ के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इससे पूर्व सितम्बर के अंत या फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह से रॉफ्ट निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। प्लिंथ से पहले रॉफ्ट तैयार करने के लिये भी करीब पौने तीन लाख क्यूबिक फिट पत्थरों की आवश्यकता है जो मिर्जापुर से अभी पत्थरों की पूरी खेप नहीं आ सकी है। माल न तैयार होने के कारण एक बार फिर पत्थरों की आपूर्ति रुक गयी है। बैठक में रामजन्मभूमि में मालवाहक वाहनों के प्रवेश के लिये नया रास्ता प्रारंभ करने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ मंदिर परिसर में विकसित होने वाले प्रकल्पों को लेकर भी चर्चा की गयी है।

राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें इंजीनियरों ने अब तक हुए कार्यों का पूरा प्रजेंटेशन मंदिर निर्माण समिति के समक्ष रखा और भावी योजनाओं को लेकर भी बैठक में मंथन किया गया। यह भी तय किया गया कि मंदिर के सुपर प्लिंथ स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य नवम्बर से प्रारंभ कर दिया जायेगा। मंदिर निर्माण समिति की बैठक से पूर्व नृपेन्द्र मिश्र ने रामजन्मभूमि परिसर में चल रहे कार्यों का निरीक्षण कर उसकी प्रगति जानी। उसके बाद मंदिर परिसर स्थित विश्वामित्र आश्रम में ट्रस्ट के पदाधिकारियों व इंजीनियरों के साथ बैठक कर अब तक हुए कार्य की पूरी जानकारी ली। नींव भराई के कार्य में लगी कार्यदायी संस्था एलएंडटी व टाटा के इंजीनियरों ने मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया। इसके बाद सर्किट हाउस में आज बैठक समाप्त हुई।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अयोध्या आगमन के साथ-साथ रामलला के दर्शन के बारे में पूछे गये प्रश्न पर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक हैं, सम्मानित व्यक्ति हैं। उनके साथ एक शिष्टाचार होता है, सुरक्षा के मानक होते हैं। सुरक्षा के मानकों के अनुसार जो हमें कहा जाय वह हम करेंगे।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र-भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब रामजन्मभूमि पर विराजमन रामलला का दर्शन करने पहले राष्ट्रपति आ रहे हैं। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र, ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, ट्रस्टी विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, ट्रस्टी सदस्य डा. अनिल मिश्रा, मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित एलएंडटी टाटा के इंजीनियर मौजूद रहे।