लखनऊ, उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य इलाकों में वर्ष 2024 की पहली सुबह का आगाज बादलों से ढके आसमान और सर्द हवाओं के साथ हुआ लेकिन पूजा स्थलों पर तड़के से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरु हो गयी और लोगों ने अपने आराध्य का दर्शन पूजन कर नये साल में परिवार और इष्ट मित्रों के सुखी समृद्धि जीवन की कामना की।
वाराणसी,मथुरा,अयोध्या,गोरखपुर,लखनऊ और कानपुर समेत समूचे उत्तर प्रदेश में मंदिर,मस्जिद,गुरुद्धारों और गिरिजाघरों में आम दिनों की अपेक्षा आज ज्यादा चहल पहल देखी गयी। लोगों ने दिन की शुरुआत अपने आराध्य का ध्यान कर की और पूजा स्थलों ने दुआ प्रार्थना कर देश दुनिया में शांति और सदभाव की कामना की। इस अवसर पर एक दूसरे को बुके,बधाई पत्र और उपहारों के लेनदेन का सिलसिला भी शवाब पर रहा। सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम भी बधाई संदेशों से पटे रहे।
ठंड और शीतलहर के बावजूद प्राणि उद्यान,माल और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी लोगबाग जश्न मना कर नये वर्ष का स्वागत करते नजर आये।
धर्म नगरी काशी में नव्य,भव्य और दिव्य विश्वनाथ धाम में साल के पहले दिन श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी।मंगला आरती के बाद कपाट खुलने के साथ ही हर हर महादेव के उद्घोष के साथ दर्शन का क्रम जारी हुआ, जो देर रात कपाट बंद होने तक चलता रहा है। साल के पहले ही दिन बाबा के धाम में 5.90 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। वहीं पिछले साल 2023 में साल के पहले दिन 5 लाख भक्त विशेश्वर के दरबार पहुंचे थे। मंदिरों के अलावा घाटों पर भी सैलानियों का हुजूम देखने को मिला। नए साल पर पर्यटकों की भीड़ के अनुमान के मुताबिक योगी सरकार के निर्देश पर भक्तों के सुगम दर्शन और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये गए थे।
नए वर्ष में भगवान शिव का आशीष पाने के लिए श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में शीश नवाया। आंग्ल नववर्ष के पहले दिन श्री काशी विश्वनाथ धाम में पर्यटकों की कतार लगी रही। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि 2024 वर्ष के पहले दिन 5 लाख 90 हज़ार (शाम 5 बजे तक) श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाज़िरी लगाए है। सुबह 9 बजे तक 2.50 लाख और दोपहर दो बजे तक 4.60 लाख लोग बाबा के दर्शन पा चुके थे। अनुमान है बाबा के कपाट बंद होने तक 8 लाख श्रद्धालु दर्शन कर लेंगे। जो अपने आप रिकॉर्ड होगा, उन्होंने बताया कि बाबा के दरबार में भक्तों की बड़ी संख्या के आने का अनुमान पहले से था। श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई समस्या न हो, इसके लिए मंदिर प्रशासन पहले से मुस्तैद था।
सुबह-ए-बनारस से दिन की शुरुआत करते हुए पर्यटकों ने नौका विहार व घाटों का आनंद लिया। पर्यटन का नया केंद्र बना नमो घाट पर भी कॉफई भीड़ रही। काशी के विकास की गाथा सुन पर्यटक की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसका सीधा लाभ वाराणसी और आसपास के लोगों के व्यापार को मिल रहा है।