नहीं रहे मूल्य एवं सरोकार आधारित पत्रकारिता के प्रतिमान स्थापित करने वाले रामसेवक श्रीवास्तव

 ramsevak-srivastनई दिल्ली, जाने माने पत्रकार रामसेवक श्रीवास्तव का उम्र संबंधी समस्याओं के चलते 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया और कल उनका यहां अंतिम संस्कार किया गया। साप्ताहिक दिनमान, दैनिक जागरण से लेकर दैनिक नवभारत टाइम्स तक पत्रकारिता के जौहर दिखाने वाले रामसेवक श्रीवास्तव का नौ सितम्बर को निधन हो गया। मूल्य एवं सरोकार आधारित पत्रकारिता के प्रतिमान स्थापित करने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामसेवक श्रीवास्तव मानते थे कि संपादकों और पत्रकारों के लिए स्वतंत्रतापूर्वक काम करना पत्रकारिता के स्तर को उंचा उठाने के लिए बेहद जरूरी है। श्रीवास्तव पत्रकारिता की दुनिया में करीब तीन दशक तक सक्रिय रहे। इस दौरान उन्होंने रघुवीर सहाय, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अग्येय, विद्यानिवास मिश्र तथा गुरूदेव गुप्त जैसी हस्तियों के साथ काम किया। 13 जनवरी 1931 को गोरखपुर जिले के गगहा गांव में जन्मे श्रीवास्तव अपने बारे में कहते थे कि वह दुर्घटनावश पत्रकारिता में आए। लेकिन फिर भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए उनकी प्रतिबद्धता कभी कम नहीं हुई। बढ़ती उम्र श्रीवास्तव की कलम पर असर नहीं डाल सकी। उन्होंने वर्ष 1991 में टाइम्स समूह में 26 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद अवकाश ग्रहण किया और फिर सुलभ इंटरनेश्नल से जुड़ कर सुलभ पत्रिका का संपादन करने लगे।

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