मथुरा, उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने नाबालिग बालिका के अपहरण और बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास के साथ 55 हजार का जुर्माना अदा करने का आदेश गुरूवार को दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता के पिता ने 9 जून 2020 को थाना कोतवाली में तहरीर दी थी कि उसकी 15 वर्र्षीय पुत्री (पीड़िता) को शाम 4-5 बजे मोहन भगा ले गया तथा रात करीब एक बजे उसके के घर पर फोन आया था। पीड़िता के पिता की तहरीर पर थाना कोतवाली मथुरा, जिला मथुरा पर अभियुक्त मोहन के विरूद्ध मुकदमा धारा 363/ 366 आईपीसी के अन्तर्गत 11 जून 2020 को पंजीकृत किया गया था।
विवेचक द्वारा उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रथम दृष्टया साक्ष्य पाते हुए अभियुक्त मोहन के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 भारतीय दण्ड संहिता व 3/4 पोक्सो एक्ट में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया था। स्पेशल डीजीसी पाॅक्सो ऐक्ट अलका उपमन्यु ने बताया कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अभियुक्त के गरीब होने और परिवार की जिम्मेदारी होने के कारण कम सजा देने की प्रार्थना की थी । स्पेशल डीजीसी के अनुसार उन्होंने इसे जघन्य अपराध मानते हुए अधिकतम दण्ड देने का अनुरोध अदालत से किया था।
अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो ऐक्ट रामकिशोर यादव ने आज अभियुक्त मोहन को पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा – 4 मे को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवम 50. हजार अर्थ दण्ड और अर्थ दंड न देने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास , धारा 366 भारतीय दंड संहिता के अपराध में 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा रू. 3000 अर्थ दंड तथा अर्थ दंड न देने पर 20 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास , धारा 363 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास तथा रू. 2000 अर्थ दंड , अर्थ दंड न देने पर 20 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने का आदेश दिया है। अभियुक्त द्वारा जेल में बितायी गयी अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी तथा सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।