नारद स्टिंग मामले पर आचार समिति ने अब तक नहीं की है कोई पहल

नई दिल्ली,  भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली लोकसभा की आचार समिति को नारद स्टिंग मामला पांच महीने पहले भेजा गया था लेकिन इस पर अब तक कोई पहल नहीं की गयी है। गौरतलब है कि यह मामला तृणमूल कांग्रेस के सांसदों पर रिश्वत लेने के आरोपों से जुड़ा हुआ है। हाल में ही इस समिति का पुनर्गठन किया गया है और आडवाणी को एक बार फिर से इसका अध्यक्ष बनाया गया। नारद न्यूज ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें एक राज्यसभा सांसद समेत तृणमूल कांग्रेस के कुल छह सांसदों को एक फर्जी कंपनी को लाभ पहुंचाने के एवज में एक व्यक्ति से रूपये लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था। इस पूरे विवाद में राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय के अलावा लोकसभा सांसदों काकोली घोष दस्तीदार, सौगत रॉय, सुवेंदु अधिकारी, प्रसून बनर्जी और सुल्तान अहमद का नाम सामने आया था। समिति के एक प्रमुख सदस्य जो पहले भी इस समिति में शामिल थे, उन्होंने कहा कि समिति ने अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। लोकसभा की वेबसाइट पर भी इससे जुड़ी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और लिखा गया है कि सूचना की प्रतीक्षा की जा रही है। लोकसभा में माकपा के उप नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनको अब भी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लिखे गये अपने पत्र के जवाब का इंतजार है, जिसमें उन्होंने समिति द्वारा इस मुद्दे पर पहल किये जाने की पुरजोर वकालत की थी। संसद के पिछले सत्र में यह मुद्दा उठा चुके सलीम ने कहा कि नारद मामले को तदर्थ समिति के पास भेज देना चाहिए, जैसा कि भगवंत मान वीडियो मामले में किया गया था। आचार समिति किसी सदस्य के अनैतिक आचरण को लेकर उसे भेजी गयी शिकायतों की जांच करती है और उसके बाद अनुशंसा करती है। इसके अलावा समिति को जब भी किसी सदस्य का आचरण अनैतिक लगता है तो वह स्वतः संग्यान लेने के लिए भी स्वतंत्र है।

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