लखनऊ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को कहा कि निकाय चुनावों में हो रही देरी के लिये समाजवादी पार्टी (सपा) जिम्मेदार है। सपा नहीं चाहती कि समय पर चुनाव हों, इसलिए अड़ंगा डालने के लिए सपा ने अपने पार्टी के एक बड़े नेता के भाई के माध्यम से अड़चन पैदा की है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जारी बयान में कहा योगी सरकार और भाजपा समय पर निकाय चुनाव कराने के लिए तैयार है मगर सपा का लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भरोसा नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके नेताओं की मानसकिता दलित, पिछड़ा और महिला विरोधी है। वंचित तबके के बढ़ते प्रतिनिधित्व से सपा घबराई हुई है। सपा को आशंका है कि अगर इस वक्त चुनाव हुए तो शहरी निकायों में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सपा अपने पार्टी के एक बड़े नेता के माध्यम से अड़ंगा डालने की कोशिश कर रही है।
उन्होने कहा कि भाजपा संगठन और उत्तर प्रदेश सरकार की सांविधानिक प्रावधानों के अनुरूप समय पर निकाय चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। समय पर चुनाव हों, ताकि शहरों के नियोजित विकास की गति और तेज हो सके। मामले के न्यायालय के समक्ष लंबित होने के सवाल पर केशव मौर्य ने कहा कि हर किसी को अधिकार है कि वह अपनी बात न्यायालय के समक्ष रखे, लेकिन जब मंशा साफ होनी चाहिए। हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम करती है। सरकार की मंशा साफ है, हम आरक्षण के हर अधिकारी को उसका हक दिलाना चाहते हैं। अब जबकि मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, तो न्यायालय का जो भी आदेश होगा, सरकार उसका पालन करेगी।