भोपाल, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आईएस मौर्य को नियुक्ति के 19 दिन बाद ही निष्कासित कर दिया। उन्होंने प्रदेश प्रभारी महेश आर्य को मोबाइल पर ही मौर्य के निष्कासन का आदेश दे दिया।
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आईएस मौर्य इसके पहले पांच सितंबर 2011 को प्रदेश अध्यक्ष बने थे और विधानसभा चुनाव 2013 के बाद चार जनवरी 2014 को निष्कासित कर दिए गए थे। कुछ महीने पहले ही उनकी पार्टी में वापसी हुई थी और 17 अप्रैल 2017 को प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे।
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सूत्रों के अनुसार, प्रदेश मुख्यालय में मासिक बैठक में प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से मौर्य ने भाग लिया। जैसे ही मंच से उन्होने अपना भाषण शुरू किया तो वह सीधे बसपा मे चले आ रहे, प्रदेश प्रभारी व्यवस्था पर बोलने लगे। उन्होंने कहा कि ‘प्रभारी सिस्टम नहीं चलेगा। मैं कोई रबर स्टाम्प नहीं हूं।”
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मंच पर बैठे प्रदेश प्रभारी महेश आर्य ने उनकी बात पर प्रतिवाद किया। उन्होने कहा कि ‘यह प्रभारी की व्यवस्था पार्टी और बहनजी ने बनायी है। प्रदेश प्रभारी का पद प्रदेश अध्यक्ष से ऊपर है। मेरी आप निगरानी नहीं करोगे, मैं आपकी निगरानी के लिए नियुक्त किया गया हूं। मेरे ऊपर भी निगरानी के लिए कोई है।”
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दोनों नेताओं की यह तकरार सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी। जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी देख लिया। उन्होंने प्रदेश प्रभारी महेश आर्य को तुरंत मोबाइल पर मौर्य को निष्कासन के आदेश दिए। आर्य ने बसपा के लैटरहेड पर अपने हाथ से लिखा बयान मीडिया को भेजा, जिसमें मौर्य को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निष्कासित किए जाने की बात कही गई है।