नयी दिल्ली, पेगासस जासूसी मामले, किसानों के मुद्दे और महंगाई को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच संसद के मानसून सत्र में जारी गतिरोध पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका और लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित तिथि से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही आज पूर्वाह्न 11:00 बजे जैसे ही शुरू हुई अध्यक्ष ओम बिरला ने पिछले दिनों सदन के चार पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी सदस्यों को दी। सदन ने उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा।
उसके बाद श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के गतिरोध के कारण सदन का कामकाज प्रभावित होने को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि इस सत्र में गतिरोध के कारण केवल 17 बैठकें हुईं और केवल 21 घंटे 24 मिनट का कामकाज ही हो सका, जो कुल निर्धारित अवधि का महज 22 फीसदी है।
अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों के हंगामे के कारण 74 घंटे 46 मिनट कामकाज बाधित हुआ। उन्होंने इस सत्र में पारित ओबीसी की सूची से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक सहित विभिन्न विधेयकों का भी जिक्र किया।
तत्पश्चात अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और ज्यादातर केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। विपक्ष की दीर्घा में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थीं।