नयी दिल्ली, श्निर्भया की छठी बरसी पर 27 मिनट की लघु फिल्म अब मुझे उड़ना है को विभिन्न वर्गों के लिए 12 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैें। प्रसिद्ध अभिनेता एवं फिल्म निर्माता जॉय मुखर्जी के बेटे सुजोय मुखर्जी की इस फिल्म में दर्शाया गया है कि विश्व में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं चिंता का विषय है और फिल्म की कहानी धैर्यए साहस और गौरव पर आधारित है।
यह फिल्म मात्र तीन दिनों में बनायी गयी है आैर इसमें एक छेड़छाड़ पीड़िता तथा उसके परिवार की पीड़ा और इससे पैदा हुए दर्द पर विजयी पाते हुए दिखाया गया है। निर्भया की छठी बरसी पर यह फिल्म बनाई गयी है । राजधानी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी। सुजोय ने बतायाए श्श् मेरी फिल्म छेड़छाड़ और दुष्कर्म पीड़ितों को सशक्त बनाने के बारे में है। समाज को यौन उत्पीड़न एवं अन्य अपराधों के पीड़ितों के अपने आत्मविश्वास को हासिल करने तथा मुख्यधारा में लाने में मदद करने के प्रयास में शामिल होने की आवश्यकता है।
फिल्म में यौन उत्पीड़न पीड़ितों की त्रासदी जैसे जटिल विषय को संवेदनापूर्वक दिखाया गया है और समाज को शिक्षित एवं सशक्त बनाने की बात का संदेश दिया गया है ताकि देश में बेटियों के लिए सुरक्षित स्थान बनाए जा सके। इस फिल्म ने विश्वस्तर पर अनेक पुरस्कार जीते हैं उनमें ब्रिटेन के रेड वुड फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कारए टॉप शॉर्टए लॉस एंजिल्सए कलकत्ता इंटरनेशनल कल्ट फिल्म फेस्टिवलए दिल्ली का सातवां अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्म उत्सव शामिल है।
कोलकाता में श्वर्जिन स्प्रिंग सिनेफेस्टश् में में इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ श्गोल्डन गैलेक्सीश् पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसने सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार भी जीता। दिल्ली में आयकर से जुड़े प्रसिद्ध वकील सुनील कपूर ने इसकी कहानी और पटकथा लिखी है। कपूर के अनुसार श्अब मुझे उड़ना हैश् को प्राप्त अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दर्शाता है कि विश्वभर की महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं चिंता का विषय है। मी टू आंदोलन भी हम लोगों को दर्शाता है कि यह अंतरराष्ट्रीय विषय है।