नयी दिल्ली,सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्यात को बढ़ावा देने के लिये निर्यातकों को समयबद्ध और किफायती बैंक ऋण उपलब्ध करने की जरूरत है। ईईपीसी इंडिया ने यह बात कही।
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने कहा कि निर्यात क्षेत्र को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कुल कर्ज में सालाना आधार पर 54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। परिषद ने बयान में कहा, “अक्टूबर 2017 के अंत तक निर्यात क्षेत्र को कुल 434 अरब रुपये (43,400 करोड़ रुपये) का कर्ज दिया गया था। इसकी तुलना में 2018 की इसी अवधि में 197 अरब रुपये (19,700 करोड़ रुपये) का ही कर्ज दिया गया।”
ईईपीसी इंडिया चेयरमैन रवि सहगल ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितताओं जैसे वैश्विक कारकों से निर्यात प्रभावित हुआ है। ऋण की उच्च लागत भी निर्यातकों के लिये चिंता का विषय है।उन्होंने कहा, “आरबीआई आंकड़ों के मुताबिक, इंजीनियरिंग खंड में ऋण प्रवाह में सुस्ती देखी गयी है। सस्ता कर्ज मिलना उद्योग और निर्यातकों की जीवन रेखा है और इस दिक्कत को जल्द से जल्द दूर किये जाने की जरूरत है।”