नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी के रहस्य से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया और इन फाइलों का पहला सेट आज आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक को सौंपा। ये फाइलें नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी से सार्वजनिक होनी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अक्टूबर को अपने निवास स्थान 7 रेसकोर्स रोड पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों से मुलाकात की थी और उनके आग्रह पर पीएम ने नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने का आश्वासन दिया था। नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक करने की मांग दशकों से उठती रही है, लेकिन हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने जब नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक किया तो केंद्र पर दबाव और बढ़ गया। नेताजी के परिजनों ने पहले ही कहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी से रूस, जापान, चीन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से नेताजी से जुड़ी फाइलें मुहैया करवाने की अपील करेंगे।
प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद 33 फाइलों को पीएमओ ने सार्वजनिक करने के लिए क्लियर कर दिया है और उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार को आगे की प्रक्रिया के लिए सौंप दिया गया है। यहां इन फाइलों के संरक्षण, डिजिटिकरण की प्रक्रिया पूरी होगी ताकि इन्हें समय पर सार्वजनिक किया जा सके। गौरतलब है कि पीएमओ के पास नेताजी से जुड़ी कुल 58 फाइलें हैं जिन्हें सार्वजनिक किया जाना है। वहीं गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के पास भी ऐसी कई फाइलें हैं जिन्हें सार्वजनिक करने की प्रक्रिया अलग से जारी है।ये फाइलें 23 जनवरी 2016 से सार्वजनिक किया जाना तय हुआ था। 23 जनवरी को नेताजी का जन्मदिवस होता है। तब पीएम मोदी ने कहा था कि इतिहास को दबाने की कोई जरूरत नहीं है। जो देश अपने इतिहास को भुला देते हैं उनमें इतिहास बनाने की क्षमता नहीं रह जाती।