काठमांडू, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. ओली के नेतृत्व वाली सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के समर्थन वापस लेने के साथ वहाँ राजनीतिक संकट पैदा हो गया था.केपी ओली की नौ महीने पुरानी सरकार का गिरना लगभग तय था क्योंकि उनके ख़िलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सत्तारूढ़ गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों ने समर्थन करने का फ़ैसला किया था. संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना किए बिना ही उन्होंने राष्ट्रपति विद्या भंडारी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया.कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल का आरोप था कि ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (यूएमएल) दोनों पार्टियों के बीच तय हुए नौ बिंदुओं वाले समझौते को लागू करने और मई में सरकार का मुखिया बदलने के फ़ैसले को लागू करने में हिचक रही थी.
ओली ने सांसदों से कहा, “मैंने इस संसद में नया प्रधानमंत्री चुनने का रास्ता साफ़ करने का फ़ैसला किया है और अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति का सौंप दिया है.”
सीपीएन माओवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रचण्ड ने मंगलवार को समर्थन वापसी की घोषणा की थी.