काठमांडू, पडोसी देश नेपाल में संघीय और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनावों के ज्यादातर परिणाम आने के बाद शनिवार को अपनी पहली बैठक में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ने शनिवार को सत्तारूढ़ गठबंधन को आगे भी जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
संघीय और प्रांतीय संसदों के आकार की व्यापक रूपरेखा स्पष्ट होने के साथ ही स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जबकि सीपीएन-यूएमएल उसके बाद दूसरे स्थान पर है। इन दलाें और उनके सहयोगियों ने नई सरकार के लिए गठबंधन बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों के पास निचले सदन के लिए जरुरी 138 सीटों की जादुई संख्या से कम होने की संभावना के है अत: किसी एक पार्टी के पास संघीय सरकार बनाने के लिए संख्या पर्याप्त नही होगी।
प्रधानमंत्री के सहयोगी भानु देउबा ने कहा कि देउबा और दहल चार दलों- कांग्रेस, माओवादी, सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और राष्ट्रीय जनमोर्चा के चुनावी गठबंधन को जारी रखने पर पर सहमत हुए हैं। हालांकि वे आगे के फैसले के लिए अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
यूएमएल ने भी सरकार गठन के लिए और संभवत: सरकार का नेतृत्व करने के लिए भी अपना दावा दिखाया है । पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने दहल को गोरखा-2 में जीत की बधाई देते हुए भविष्य में साथ काम करने की पेशकश की।
यूएमएल के उप महासचिव बिष्णु रिमल ने कहा, “हमारी स्थिति स्पष्ट है।” “देश की स्थिरता के लिए और बार-बार सरकार बदलने की स्थिति को समाप्त करने के लिए, कांग्रेस और यूएमएल को एक साथ आना चाहिए।”
उनहोंने कहा अगर कांग्रेस मौजूदा गठबंधन को निरंतरता देती है, तो हमारे लिए विकल्प तलाशने का कोई कारण नहीं है, लेकिन इससे राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित नहीं होगी, उन्होंने कहा,“ लेकिन अगर कांग्रेस नेतृत्व का दावा करती है तो यूएमएल के लिए सरकार में शामिल होना जरूरी नहीं है। उस परिदृश्य में, यूएमएल अगले पांच वर्षों के लिए बाहर से सरकार का समर्थन कर सकता है।”
मामले के जानकार लोगों का कहना है कि चूंकि 20 नवंबर के मतदान के अंतिम नतीजे आने में अभी कुछ समय लग सकता है, देउबा और दहल सरकार गठन पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ बैठेंगे और इस पर चर्चा करेंगे।