नेपाली सांसदों ने नया संविधान लागू होने और नई सरकार के गठन के बाद पहली बार किसी महिला को संसद का अध्यक्ष निर्वाचित किया. संसद ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से यूसीपीएन-माओवादी सांसद ओंसारी घारती मागर को सदन का अध्यक्ष निर्वाचित किया.
नेपाल की संविधान सभा को 20 सितंबर को देश का नया संविधान लागू होने के बाद विधायी संसद में तब्दील कर दिया गया था. उसके बाद केपी शर्मा ओली को देश का नया प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया था. उन्होंने मुकाबले में सुशील कोइराला को हराया था. यह चुनाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि पार्टियां देश के नए संविधान को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बीच आम सहमति बनाने में विफल रहीं.
विरोधी पार्टी ने वापस ली उम्मीदवारी
घारती को सर्वसम्मति से पद के लिए निर्वाचित किया गया जब नेपाल वर्कर्स एंड पीजैंट्स पार्टी ने अपनी सांसद अनुराधा थापा मागर की उम्मीदवारी को वापस ले लिया.
इस जीत के साथ घारती नेपाल के संसदीय इतिहास में विधायी निकाय की अगुवाई करने वाली पहली महिला बन गईं. इससे पहले वह संसद में डिप्टी स्पीकर रह चुकी हैं. घारती का सत्तारूढ़ गठबंधन- सीपीएन-यूएमएल, यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल, मधेसी जनअधिकार फोरम-डेमोक्रेटिक और कुछ अन्य दलों ने समर्थन किया.
मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. इसी तरह, गंगा प्रसाद यादव को सर्वसम्मति से संसद का डिप्टी स्पीकर निर्वाचित किया गया.