पटना, नोटबंदी के खिलाफ 28 नवंबर को विपक्षी पार्टियों का राष्ट्रव्यापी बंद का नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू समर्थन नहीं करेगी। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में बंद को समर्थन नहीं करने का फैसला किया गया। नीतीश ने अपनी पार्टी के फैसले से बिहार में सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस को बता दिया है। गौरतलब है कि 8 नवंबर को केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बैन कर दिया था। विपक्षी दल केंद्र के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। जेडीयू सूत्रों ने बताया कि बैठक के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी और आरसीपी सिंह को नई दिल्ली से बुलाया गया था। बैठक के बाद सिंह ने कहा, हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नोटबंदी का पहले दिन से ही समर्थन कर रहे हैं।
नोटबंदी को लागू करने में कुछ कठिनाई हो रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसके खिलाफ हैं। बल्कि हम तो देश में बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस अध्यक्ष और मंत्री अशोक चौधरी को फोन कर जेडीयू के फैसले के बारे में जानकारी दी। बिहार में महागठबंधन में तकरार और जेडीयू के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की खबरों पर सिंह ने कहा, महागठबंधन में कोई तकरार नहीं है और न ही हम बीजेपी के साथ हाथ मिलाने जा रहे हैं। हम जयप्रकाश नारायण और महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं और अपने निर्णय पर कायम रहते हैं।