नई दिल्ली, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को ‘विनाशकारी आर्थिक नीति’ करार देते हुए कहा कि जितना दिख रहा है उससे भी बड़ा नुकसान नोटबंदी से देश की आर्थिक व्यवस्था को हो रहा है। 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान का एक साल पूरा होने से पहले एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने जमकर नरेंद्र मोदी की आार्थिक नीतियों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि मोदी को ये मानना चाहिए कि नोटबंदी एक ब्लंडर था और अब इसके दुष्प्रभावों से देश को बचाने के लिए काम करना चाहिए। मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यह अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति साबित होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बेहतर कदम उठाने की नसीहत दी है।
पूर्व प्रधानमंत्री का मानना है कि इस फैसले से समाज में असमानता का खतरा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जीडीपी का गिरना आर्थिक नुकसान का महज एक संकेतक है। इसका हमारे समाज के गरीब तबकों पर और व्यापार पर जो असर हुआ है, वह किसी आर्थिक सूचक की तुलना में कहीं अधिक हानिकारक है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आने वाले समय में नोटबंदी के असर को लेकर चिंतित हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि इस बड़ी भूल को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें।
नोटबंदी लागू करने के बाद ही मनमोहन सिंह ने इस फैसले की कड़ी निंदा की थी। मनमोहन सिंह ने इस फैसले से 2 फीसदी जीडीपी घटने के अनुमान जताया था। नोटबंदी से पहले जुलाई से सितंबर 2016 में जीडीपी 7.4% थी. जो नोटबंदी के बाद जनवरी से मार्च 2017 में घटकर 6.1% रह गई थी।
वहीं जीडीपी में गिरावट को लेकर मोदी सरकार का दावा है कि जीडीपी में गिरावट बेहद कम समय के लिए है और अर्थव्यवस्था जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी। नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को फिर से नसीहत दी हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अपनी गलती को स्वीकारें और राजनीति के बजाय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बेहतर कदम उठायें।