लखनऊ, नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने भ्रष्टाचार के नये स्रोत को जन्म दिया है। कहा कि नोटबंदी ने लोगों को मुश्किलें बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में अपरिपक्व तरीके से लिया गया फैसला है। नोटबन्दी करके अपने मुट्ठीभर चहेते नेताओं व उद्योगपतियों को छोड़कर देश की समस्त गरीब, मजदूर, किसान व अन्य मेहनतकश आमजनता के लिये यह अभूतपूर्व तंगी, जंजाल व बेरोजगारी आदि के गहरे संकट में डालने वाला फैसला साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की अन्य और भी मनमानी, अड़ियल व निरंकुश व्यवहार के कारण देश एक प्रकार से आपातकाल के संकटकालीन दौर से गुजर रहा है। ऐसी परेशानी से मुक्त होने के लिये लोगों को भाजपा द्वारा फैलाई गई भावनाओं के मकड़जाल से मुक्त होना जरूरी है। मायावती ने कहा कि नोटबन्दी का फैसला दिखावटी तौर पर देशभर में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु लिया गया था परन्तु लोगों को अधिकांशः दण्डित व प्रताड़ित करने वाला सरकारी भ्रष्टाचार हर स्तर पर कम होने के बजाय काफी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा एण्ड कम्पनी के करीबी व खास बड़े लोगों के भ्रष्टाचार, गै़र-कानूनी व अनुचित कार्यों का एक-के बाद-एक पर्दाफाश होने से अब इस मोदी सरकार का भ्रष्टाचार का भाण्डा भी लगातार फूटता जा रहा है। भ्रष्टाचार के के मामले में भी सरकार की चुप्पी व निष्क्रियता अब रहस्य नहीं रही है क्योंकि ऐसे हर मामले में मोदी सरकार मौनव्रत पर चली जाती है। बसपा मुखिया ने कहा कि आज इसे एन्टी ब्लेक मनी डे मनाने के स्थान पर, केवल इसको नोटबन्दी माफी दिवस के रुप में ही मनाना चाहिये, तो यह ज्यादा बेहतर होगा।