नई दिल्ली, नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम जमा कराने वाले नौ लाख से अधिक बैंक खाताधारी केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और आयकर विभाग की रडार पर हैं। पिछले साल 08 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित नोटबंदी के बाद 18 लाख बैंक खातों में मोटी रकम जमा हुई। यह रकम इन खाताधारियों की आय से मिलान नहीं हुआ है। आयकर विभाग ने सभी खाताधारियों को रकम जमा कराने की जानकारी के लिये ईमेल और एसएमएस भेजे थे। इनमें से 8.71 लाख ने जानकारी उपलब्ध करायी है लेकिन 9.29 लाख ने विभाग को ब्यौरा नहीं दिया है। विभाग अब इन पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि जिन खाताधारियों ने मांगी गयी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी है, विभाग उनके ऊपर कानून के हिसाब से कार्रवाई करेगा। हालांकि जेटली ने नोटबंदी के दौरान कितनी रकम जमा हुई इसका ब्योरा नहीं तो दिया किन्तु कहा कि रिजर्व बैंक जमा किये गये पांच सौ और एक हजार नोटों की गिनती कर रहा है। गिनती में नकली नोटों को अलग करने के बाद केन्द्रीय बैंक यह बताने की स्थिति में होगा कि नोटंबदी के दौरान कुल कितनी रकम जमा की गयी। नोटबंदी की घोषणा के समय लोगों को 08 नवम्बर से 31 दिसम्बर का समय पुराने पांच सौ और एक हजार के नोट जमा कराने के लिये दिया गया था। बैंक ने नोटबंदी की बजह से नकदी की किल्लत से निपटने के लिये पांच सौ रूपये नये नोट के अलावा दो हजार रूपये का नोट भी जारी किया था।